बोट क्लब एक ऐसी जगह बन गई थी जहां लोग परिवार सहित आते थे और पूरा आनंद उठाते थे। दो से तीन घंटे वहां लोग गुजार देते हैं। कई ऐसे भी लोग थे जो वहीं पिकनिक भी मना लेते थे। घर से खाने पीने का सामान लाते थे। पहले नाव पर बैठकर सैर करते फिर वोट क्लब में बैठकर खाना खाते, वोट क्लब को अच्छी तरह से सजाया भी गया था, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया। बोट क्लब की दशा बिगड़ती गई। पहले तो नाव चलना बंद हुई। फिर सफाई का ध्यान नहीं रखा गया। बोट क्लब का जो कमरा था वह भी धूल खाने लगा। उसमें भी गंदगी का अंबार हो गया। वर्तमान में हालात यह है कि गंदगी के कारण कोई यहां आना पसंद नहीं करता।
भरा रहता है कीचड़
– मैं अक्सर परिवार सहित वहां जाता था। बच्चों को भी बोटिंग करने में आंनद आता था, लेकिन अब तो वहां कीचड़ भरा पड़ा है। अब तो वहां जाने का मन ही नहीं करता।
रमेश गुप्ता, व्यापारी
-मैं कई बार शाम के समय वहां गया। बोटिंग की। काफी अच्छा लगता था। कुछ दिन पहले वहां गया तो कीचड़ भरा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि सालों से सफाई नहीं हुई है। अब तो वहां जाने की इच्छा ही नहीं होती।
नीतेश, इंजीनियर