हेरफेर कर सरकारी जमीन करवा ली नाम
शवपुरी. जिलें में जमीनों के घोटाले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बैराड़ तहसील के ग्राम ऐनपुरा में स्थित चरनोई की जमीन को कलेक्टर के नाम का फर्जी प्रकरण बनाकर राजस्व दस्तावेजों में हेर फेर कर काबिल काश्त घोषित कर दिया। यह कारनामा करने वालों ने यह भी ध्यान नहीं दिया कि उक्त भूमि पहले रेशम मिल के नाम से आबंटित थी, जहां रेशम मिल की बिल्डिंग व पुलिया आदि अभी भी बनी हुई हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर से करने के साथ ही इसमें गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
हेरफेर कर सरकारी जमीन करवा ली नाम
ग्राम ऐनपुरा के करनू, रामचरण, केदारी सहित एक दर्जन ग्रामीणों ने कलेक्टर से की हस्ताक्षरयुक्त शिकायत में उल्लेख किया है कि भूमि सर्वे क्रमांक 321 रकवा 13.50 हेक्टेयर ग्राम ऐनपुरा में स्थित है। उक्त भूमि में वर्ष 1988-89 से 2001-02 तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा रेशम केन्द्र की स्थापना की गई थी। जिसमें न केवल रेशम बनता था, बल्कि उसके लिए दो बड़ी बिल्डिंग तथा सड़क व पुलिया आदि भी बनाई गईं थीं। वर्ष 2002 में किन्हीं कारणों के चलते रेशम उत्पादन को बंद कर दिया गया, लेकिन उसके भवन आदि अभी भी हैं। शासकीय रिकार्ड के पुराने अभिलेख व पुराने पंचशाला खसरे में यह भूमि चरनोई दर्ज रही। लेकिन राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा भू-माफियाओं से मिलकर कूटरचित दस्तावेज बनाकर पंचशाला खसरे में कलेक्टर शिवपुरी का फर्जी प्रकरण डालकर उसे काबिल काश्त घोषित कर दिया गया।
कलेक्टर आदेश में किया फर्जीवाड़ा
वर्ष 1997-98 में खसरा में प्रविष्टी को काट-छांट कर कूट रचित की गई, जिसके अवलोकन से स्पष्ट होता है कि फर्जीबाड़ा करने वालों ने न्यायालय कलेक्टर शिवपुरी के प्रकरण क्रमांक 9/97-98/अ-59 आदेश दिनांक 19 जून 97 से सर्वे नंबर 321 संपूर्ण चरनोई को काबिल काश्त घोषित करने का लेख किया है, जो पूर्णत: फर्जी है। क्योंकि जो ग्रामीणों ने दायरा पंजी की प्रतिलिपि ली है, उसमें वर्ष 1997-98 में अ-59 हेड में कुल 35 प्रकरण दर्ज होकर नीचे निरंक शब्द लिखा है। इसके अवलोकन में यह पाया गया है कि ग्राम ऐनपुरा तहसील पोहरी का यह प्रकरण न होकर यह प्रकरण ग्राम टीलाकला तहसील कोलारस का है जो ग्राम पंचायत टीलाकला द्वारा सर्वे नंबर 467 में 1.09 हेक्टर खनिज घोषित करने का है। इस प्रकरण से कोई भी प्रकरण दायर पंजी में ग्राम ऐनपुरा तहसील पोहरी से संबंधित नहीं है। यानि कलेक्टर का जो आदेश काबिल काश्त बनाए जाने का दस्तावेजों में शामिल किया गया, वो फर्जी तरीके से दस्तावेजों में जोड़ दिया गया, लेकिन जो आदेश नंबर दर्शाया गया, वो तो कोलारस के ग्राम टीलाकलां के मामले में दिया गया था।
राजगढ़ के एक ही परिवार को दे दिए पट्टे
इस मामले में भूमि आवंटन करना व अमल का प्रकरण दर्ज करना सभी झूठ प्रतीत होता है। उसे बाद में रिकार्ड में रखे मूल रिकार्ड में भू-माफिया द्वारा राजस्व कर्मचारी से मिलकर 2001-02 से 2005-06 के खसरा रोस्टर में मूल पृष्ठ फाड़कर, दूसरे नए पेज जोड़कर तथा जिल्द में री-पृष्ठांकन कर फर्जी प्रविष्टियां पट्टेधारी भूमाफिया नरेश पुत्र हजारीलाल किरार, मुकेश पुत्र हजारीलाल किरार, मोती प कुन्नू किरार, सुमरन पुत्र दयाकिशन किरार, जंडेल पुत्र मोतीलाल किरार, शिवसिंह पुत्र मोतीलाल किरार निवासी ग्राम राजगढ़ को दो-दो हेक्टर के पट्टे भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज कर दिए गए हैं। जिस पर विक्रय से वर्जित शब्द भी नहीं लिखा है। जिससे यह सिद्ध होता है कि भू-माफिया ने राजस्व कर्मचारियों से मिलकर पूरी भूमि को विक्रय करने की तैयारी कर ली है।
प्रकरण बनाकर भेज दिया
ग्राम ऐनपुरा में चरनोई भूमि जो पहले रेशम केंद्र के लिए थी, उसे फजीवाड़ा करके काबिल काश्त करके पट्टे दिए हैं, उसकी रिपोर्ट हमने जिलाधीश को भेज दी है। जिन राजस्व कर्मचारियों ने यह किया है, उन पर पहले ही धारा 420 का प्रकरण दर्ज हो चुका है।
जेपी गुप्ता, एसडीएम पोहरी