शहर में घरों से कचरा उठाने और उसे प्रोसेस करने का ठेका ईको ग्रीन कंपनी को दिया गया है। कंपनी ने शहर में इसकी शुरुआत दिसंबर 2017 में की थी। कंपनी को शहर के सभी 66 वार्डों से कचरा परिवहन करना था साथ ही सौ प्रतिशत सफाई भी करना थी लेकिन कंपनी द्वारा कार्य में लापरवाही बरती गई। जिसका खामियाजा शहर को स्वच्छता रैंकिंग में भुगतना पड़ा। शहर को 59वीं रैंक मिली थी। इसके बाद भी निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने इसको लेकर कोई ठोस प्लान तैयार नहीं किया और न ही कंपनी पर कोई बड़ी कार्रवाई की। आलम यह है कि जो काम कंपनी को एक साल पहले करना चाहिए था वह अभी भी नहीं हो पाया है।
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पीएस का अल्टीमेटम भी नहीं आया काम
नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के पीएस ने कंपनी के कार्य की धीमी गति को देखते हुए निगम कमिश्नर संदीप माकिन पर नाराजगी जताई थी और 31 मई तक अल्टीमेटम दिया था। कंपनी द्वारा निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर कमिश्नर से कार्रवाई करते हुए ठेका निरस्त करने की बात कही थी लेकिन कंपनी के पदाधिकारी और निगम अधिकारियों पर इसका भी असर नहीं हुआ और डेढ़ महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक कंपनी द्वारा शहर के सभी वार्डों में कचरा परिहवन नहीं किया जा रहा है।
अब सिर्फ 40 वार्डों में कचरा परिवहन
कंपनी को शहर के सभी 66 वार्डों में कचरा का परिवहन करना है, लेकिन कंपनी द्वारा अभी तक सिर्फ 53 वार्डों तक ही कचरा का परिवहन किया जा रहा था। हद तो तब हो गई जब नगर निगम ने अब कंपनी को सिर्फ 40 वार्डों में ही कचरा परिवहन की जिम्मेदारी दी है। ऐसे में सीधे तौर पर निगम अधिकारी कंपनी को बचाने में जुटे हैं। कंपनी की असफलताओं को छिपाने के लिए अधिकारी सिर्फ 40 वार्डों में ही कचरा परिवहन कराने के लिए कहा है, बाकी वार्डों में नगर निगम को ही कचरा परिवहन करना होगा। जबकि कंपनी को ही शहर में सफाई व्यवस्था करना थी। इसके बावजूद अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
हमारे पास संसाधन नहीं
कंपनी द्वारा अभी तक 53 वार्डों में कचरा परिवहन किया जा रहा था लेकिन हमारे पास संसाधनों की कमी है जिससे बाकी वार्डों में हम नहीं पहुंच सकते हैं। नगर निगम ने 100 प्रतिशत सफाई के लिए हमें 40 वार्ड की जिम्मेदारी दी है, इसकी लिस्ट अभी हमें नहीं मिली है। यहां हम अपने पूरे संसाधन लगाकर कार्य करेंगे जिससे वार्ड को साफ बनाया जाए।
आशीष शर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, ईको ग्रीन
क्षमता के हिसाब से सौंपा काम
जिन वार्डों में ईको ग्रीन काम कर रही थी वहां भी सही ढंग से कचरा नहीं उठा पा रही थी, इसलिए हमने बोला है कि जितने वार्डों में 100 प्रतिशत कार्य कर सको उतने ही वार्ड में करो।
संदीप माकिन, कमिश्नर नगर निगम