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ग्वालियर

ई-रिक्शा ने किया किले पर घूमने वालों का काम आसान, जानिए कितना होता हो खर्च

ई-रिक्शा ने किया किले पर घूमने वालों का काम आसान, जानिए कितना होता हो खर्च

ग्वालियरApr 18, 2019 / 04:10 pm

Gaurav Sen

E-rickshaw at gwalior fort for tourists

ई-रिक्शा ने किया किले पर घूमने वालों का काम आसान, जानिए कितना होता हो खर्च

ग्वालियर। ग्वालियर शहर मे हैरीटेज इमारतों की कमी नहीं है। एक से बडकऱ एक मोनूमेंट शहर में मौजूद हैं। ग्वालियर का किला, सूर्य मंदिर, जयविलास पैलेस, तेली का मंदिर, महाराज बाड़ा सर्किल, मोहम्मद गौस का मकबरा आदि। इनमें से ग्वालियर का किला लोगों की पसंद जगहों में सबसे उपर आता है। किले के लिए दो एंट्री प्लेस हैं। एक उरवाई गेट से और दूसरी किला गेट है। ग्वालियर किले को किलों के जिब्राल्टर के नाम से जाना जाता है। जिसका अर्थ होता है किलों का राजा। बहुत ही खूबसूरत ये किला 3.5 किलों मीटर के छेत्र में शहर के बींचो-बीच एक पहाड़ पर बना हुआ है। इस किले पर घूमने के लिए सरकार द्वारा ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है। प्रदूषण रहित ई-रिक्शा में बैठकर पूरे किले का मचा लिया जा सकता है। ई-रिक्शा पर्यटकों के लिए चलवाए गए हैं जिससे पर्यटकों को घूमने-फिरने में आसानी हो।

किला मैनेजमेंट को कई बार देखने को मिला की वहां दूर-दूर स्थित मॉन्यूमेंट्स पर पैदल चलने से अपना प्लान कैंसिल कर रहे हैं, दूरी तक करने में आने वाली समस्या के चलते ई-रिक्शा शुरु किया गया है। अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि फोर्ट पर अब ई-रिक्शा शुरू हो गए हैं, जो आपको हर एक मॉन्यूमेंट्स तक पहुंचाएंगे। इससे आपके समय की बचत होगी और आपको थकान भी नहीं होगी। अभी वहां 10 से ज्यादा ई-रिक्शे चल रहे है। बैटरी से चलने वाले ये ई-रिक्शे पॉल्यूशन फ्री हैं, जिनसे मॉन्यूमेंट्स को भी कोई नुकसान नहीं है। टूरिस्ट सभी मॉन्यूमेंट्स का कर सकेंगे भ्रमण ग्वालियर फोर्ट की लंबाई लगभग 3.5 किमी. और चौड़ाई 1 किमी. है। मानसिंह पैलेस से गुरुद्वारा, तेली का मंदिर, सहस्त्रबाहु मंदिर, सूरज कुंड की दूरी लगभग 500 से 700 मीटर हैं। इन सभी जगहों पर टूरिस्ट का पैदल पहुंचना मुश्किल हो जाता था। कई बार टूरिस्ट इन्हें बिना देखे ही लौट जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यह प्रॉब्लम ई-रिक्शे ने सॉल्व कर दी है। टूरिज्म गाइड के अनुसार इस तरह की एक्टिविटी से अब टूरिस्ट की संख्या में भी इजाफा होगा। कई बार लोग केवल यह सोचकर नहीं आते थे कि किले के ऊपर पहुंचना तो आसान है, लेकिन सभी मॉन्यूमेंट्स कैसे देख पाएंगे।

मानसिंह पैलेस से तेली के मंदिर, गुरुद्वारा, सहस्त्रबाहु मंदिर, सूरज कुंड की दूरी अधिक है। इस दूरी को तय करने के लिए वहीं के लोकल लोगों ने ई-रिक्शा की शुरुआत कर दी है। इससे टूरिस्ट का सभी मॉन्यूमेंट्स में पहुंचना आसान हो गया है। इसके अलावा एमपी टूरिज्म ने वहां साइकिलें भी रखवाई हैं, जिनका रिस्पांस ई-रिक्शा शुरू होने से कम मिल रहा है।

एमएस राणा, रीजनल मैनेजर, एमपी टूरिज्म

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