ईकोग्रीन के कर्मचारियों की सात मांगे हैं, इसमें तीन महीने से वेतन दिया जाए, 2020 से ईपीएफ का पैसा खाते में डाला जाए, निगम के मद से ही वेतन दिया जाए, पूर्व के आदेश में कोई बदलाव नहीं किया जाए, प्रतिवर्ष बोनस दिया जाए, स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा व राष्ट्रीय अवकाश सहित मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
सुबह ईकोग्रीन के सभी कर्मचारी तीन भागों में ग्वालियर, पूर्व व दक्षिण डिपो पर पहुंचे। इस दौरान पूर्व व ग्वालियर डिपो से अधिकतर वाहन फील्ड के लिए निकल चुके थे और दक्षिण से वाहन निकाले जा रहे थे। दक्षिण डिपो से वाहनों को निकलता देख कर्मचारियों ने गेट पर ताला डाल दिया और वाहनों के आगे लेटकर व जमीन पर बैठकर विरोध जताने लगे। जबकि पूर्व व ग्वालियर डिपो पर पुलिस के माध्यम से वाहनों को निकलवाया गया।
-ग्वालियर डिपो से डोर टू डोर 78 में से 44 और सेकंडरी 30 में से 27 वाहन ही निकले।
-पूर्व व ग्रामीण डिपो से डोर टू डोर 83 में से 51 और सेकंडरी वाहनों में 31 में से 30 वाहन ही निकले।
-दक्षिण डिपो से कोई भी डोर टू डोर व सेकंडरी वाहन नहीं निकला।
नगर निगम में हर साल 8 से 10 बार सफाई कर्मचारी हड़ताल करते हंै। इसका मुख्य कारण कहीं ने कहीं सफाई कर्मचारियों के नेता और कुछ अधिकारी-कर्मचारी द्वारा इन्हें हड़ताल करने के लिए बढ़ावा दिया जाता है। क्योंकि वह अपने किसी ने किसी कार्य के लिए आयुक्त पर दबाव बनाने के लिए इस तरह का प्रयास करते हैं। जानकारों का कहना है कि यदि आयुक्त व निगम के अफसर ऐसे नेताओं व सफाईकर्मी पर सख्ती दिखाए तो भविष्य में इस तरह की हड़ताल हमेशा के लिए पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
जीवाजीगंज, सराफा बाजार, एबी रोड गोलपहाडिय़ा, सराफा बाजार, गैंडेवालीगली, रतनबाग कॉलोनी,बिरला नगर, फूलबाग, भैसमंडी, डीडी नगर, दर्पण कॉलोनी, सराफा बाजार, लक्ष्मीबाई कॉलोनी सहित अन्य स्थानों पर गंदगी के ढेर दिखाई दिए।
अरविंद्र कुमार मिश्रा, प्रदेश संयुक्त महामंत्री, भारतीय मजदूर संघ
हर्ष सिंह आयुक्त नगर निगम