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ग्वालियर

नकली प्लाज्मा कांड : विवादित ब्लड बैंक संचालक के साथ 39 लाख ठगी

– मंत्रालय का फर्जी नोटिस दिखाकर कार्रवाई का डर दिखाया- कारोबार और जेल जाने से बचने के नाम पर ऐंठ ली रकम- स्वास्थ मंत्रालय की कार्रवाई से बचाने के नाम 39 लाख ठगी

ग्वालियरJan 17, 2021 / 08:15 am

Hitendra Sharma

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ग्वालियर. नकली प्लाज्मा कांड के दौरान विवादों में आए श्री राधास्वामी ब्लड बैंक के संचालक को धोखेबाजों ने अपने जाल में फंसाकर ठग लिया है। प्जाज्मा कांड में फंसे संचालक को धोखेबाजों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर चुका है। मंत्रालय के एक पत्र का हवाला भी दिया गया कि ब्लड बैंक को बंद करके संचालक को जेल भेज दिया जाए। इस कार्रवाई से बचाने के नाम पर उससे 39 लाख रुपए ठग लिए गए।
श्रीराधास्वामी ब्लड बैंक के संचालक कप्तान सिंह कुशवाह ने उत्तरप्रदेश के देवेन्द्र कोरी और डॉक्टर विवेक के खिलाफ शिकायत की है। तेली की बजरिया निवासी कुशवाह के मुताबिक कार्रवाई का डर दिखाकर उसे और परिवार को बचाने का झांसा दिया गया। पुराना परिचय होने से भरोसा करके रकम दे दी तब से दोनोंं के मोबाइल बंद हैं और उनके बारे में कुछ मालूम भी नहीं चल रहा है। पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को इस मामले की जानकारी दी है।
मोबाइल पर दिखाया नोटिस,फिर बचाने का दिया झांसा
कुशवाह ने बताया कि देवेन्द्र कोरी से पुराना परिचय रहा है। १५ दिसंबर को देवेन्द्र कॉल आया था। उसने बोला, तुम्हारा ब्लड बैंक बंद हो जाएगा, तुम सब जेल जाओगे। अगर बचना चाहते हो तो डॉ. विवेक तुम्हारी मदद कर सकते हैं। देवेन्द्र अपने साथ डॉ. विवेक को लेकर आया। उन्होंने अपनी कार में बैठाया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का पत्र मोबाइल पर दिखाया। वह नोटिस था जिसमें ब्लड बैंक के नाम के साथ कार्रवाई किए जाने का उल्लेख था। इस पर दोनों ने कहा, तुम फंसोगे और कारोबार भी बंद हो जाएगा।
70 लाख रुपए की मांग, 39 लाख में हुआ सौदा
देवेन्द्र और डॉ. विवेक ने कहा, कार्रवाई से बचना है तो 70 लाख रुपए देना पड़ेगे। इतनी बड़ी रकम जुटाने में मुश्किल बताई और रकम कम करने पर बात की। वो अंत में 39 लाख रुपए में सौदा हो गया। दोनों ने अल्टीमेटम दिया कि रकम का इंतजाम जल्द नहीं किया तो कार्रवाई रोकना मुश्किल हो जाएगा। जेल से बचने और कारोबार बचाने के लिए दोस्तों-रिश्तेदारों से लेकर रुपयों का इंतजाम किया। एक घंटे बाद देवेन्द्र आकर रुपए ले गया।
रकम देकर चैन से बैठे थे, एक घंटे बाद पड़ गया छापा
कुशवाह ने बताया, रकम देकर चैन से बैठे थे कि अब कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन एक घंटे बाद ही पुलिस ने छापा मारा और ब्लड बैंक का रिकॉर्ड जब्त कर लिया। कुशवाह ने देवेन्द्र और डॉ. विवेक को इस कार्रवाई के बारे में बताया और अपना पैसा वापस मांगा। डॉक्टर विवेक ने इटावा में होने और सात दिन बाद लौटने का हवाला देकर टाल दिया। अब पैसा मांगने पर दोनों ब्लड बैंक बंद कराने और उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।
ठगी की एफआइआर दर्ज
एसपी ग्वालियर अमित सांघी के अनुसार ब्लड बैंक संचालक ने कानूनी कार्रवाई की धमकी और उससे बचाने के एवज में ठगे जाने की शिकायत की है। उस पर डॉक्टर सहित दो लोगों पर क्राइम थाने को केस दर्ज करने के निर्देश दिए थे। दोनों पर एफआइआर दर्ज की गई है। घटना की इनवेस्टिगेशन की जा रही है।

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