गेहूं को चाहिए पानी
किसानों का कहना है कि ककैटो बांध के कमांड क्षेत्र में कृषि भूमि को समय पर पानी की आवश्यकता अधिक होती है। अभी गेहूं के पौधे बढ़ रहे हैं और तना बन रहा है, ऐसे में पानी नहीं मिला तो पौधे सही अनुपात में नहीं बढ़ेंगे, जिससे बाली कमजोर निकलेगी और पैदावार पर असर पड़ेगा। समय पर नहर नहीं खोली गई तो फसल खराब होने की संभावना है।
नेता दे चुके हैं आश्वासन
किसानों के प्रदर्शन के बीच मोहना में भाजपा ग्रामीण इकाई के जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा और युवा नेता विवेक मिश्रा, मंडल अध्यक्ष श्याम पांडे, उपाध्यक्ष सतेन्द्र तोमर, जिपं सदस्य गिर्राज धाकड़ ग्रामीणों के बीच पहुंचे थे। नेताओं ने पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। पंद्रह दिन बीत चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
इतना है बांधों में पानी (सभी आंकड़े एमसीएफ टी में)
बांध जलस्तर क्षमता अनुपयोगी क्षमता उपयोगी क्षमता
ककैटो 1190.50 2402 1389 1310
पहसारी 1088.90 1146 995 151
तिघरा 727.85 2121.89 240 1881.89
अगर सिंचाई के लिए पानी छोड़ दिया जाए तो भी शहरी के लिए अगस्त, सितंबर के लिए ककैटो और पहसारी बांध में 1164 एमसीएफ टी पानी होगा। फसल को समय पर पानी नहीं मिला तो सूखने का खतरा पैदा हो जाएगा। प्रशासन किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है।
राजेन्द्र प्रसाद नायक, पूर्व अध्यक्ष-जल उपभोक्ता संस्था