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ग्वालियर

20 हजार किसानों को गेहूं के बोनस का इंतजार, किसानोंं के लगभग 36 करोड़ रुपए अटके

farmers waiting for wheat crop bonus;इसके चलते जिले के 20 हजार किसान परेशान हैं, जिनके 36 करोड़ रुपए अटके हुए हैं। किसानों केा 160 रुपए प्रति क्ंिवटल से बोनस की राशि मिलनी है।

ग्वालियरOct 22, 2019 / 03:58 pm

Gaurav Sen

farmers waiting for wheat crop bonus

farmers waiting for wheat crop bonus

श्योपुर. समर्थन मूल्य के कांटों पर अप्रेल-मई में अपना गेहूं बेचा, अब छह माह बीत गए और दीपावली का त्योहार ही आ गया, लेकिन गेेहूं के बोनस की राशि अभी तक नहीं आई। इसके चलते जिले के 20 हजार किसान परेशान हैं, जिनके 36 करोड़ रुपए अटके हुए हैं। किसानों केा 160 रुपए प्रति क्ंिवटल से बोनस की राशि मिलनी है।

हालांकि शासन-प्रशासन के नुमाइंदे और जनप्रतिनिधि बोनस जल्द आने की बात महीनों से कहते आ रहे हैं, लेकिन अब जहां दीपावली का त्योहार और रबी फसलों की तैयारियों में जुटे किसान हाथ तंग होने से परेशान हैं। बावजूद इसके अभी तय नहीं है कि किसानों को गेहूं का बोनस कब मिलेगा, जबकि झाबुआ जिले में उपचुनाव होने के मद्देनजर शासन ने वहां बोनस का वितरण कर दिया। इसी भेदभाव से श्योपुर के किसान आक्रोशित भी हैं।

गत अप्रेल-मई माह में जिले में बनाए गए 37 खरीद केंद्रों पर समर्थन मूल्य (1840 रुपए प्रति क्ंिवटल) पर गेहूं की खरीदी हुई थी। इसमें जिले में 20 हजार 834 किसानों से 22 लाख 74 हजार 660 क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई है। हालांकि किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान तो हुआ, लेकिन पिछले वर्षों की भांति इस बार भी प्रदेश सरकार ने 160 रुपए प्रति क्ंिवटल के हिसाब से बोनस देने की घोषणा की थी, जो अब छह माह बाद भी नहीं मिला है। बताया गया है कि 22 लाख 74 हजार 660 क्ंिवटल गेहूं पर 160 रुपए प्रति क्ंिवटल के हिसाब से 36 करोड़ 39 लाख 45 हजार 600 रुपए का बोनस बनता है। जिसका इंतजार अभी किसानों का करना पड़ रहा है।

सिंधिया भी लिख चुके हैं सीएम को पत्र
पिछले दिनों श्योपुर दौरे पर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष भी किसानों ने गेहूं के बोनस नहीं मिलने की पीड़ा बयान की। जिसके बाद सिंधिया ने सीएम कमलनाथ को पत्र भी लिखा, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इससे पहले भी बीत छह माह में तीन बार श्योपुर आ चुके प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव के समक्ष भी किसानों ने मांग रखी।

बोवनी के लिए खाद-बीज खरीदने में परेशानी
गेहूं के बोनस के रूप में मिलने वाली राशि से किसान हर साल रबी फसलों की बोवनी के लिए खाद-बीज आदि की खरीदी करते हैं। ऐसे में इस बार किसानों को दिक्कतें आ रही हैं। विशेष बात यह है कि दीपावली का त्योहार भी सिर पर है और इस बार अतिवर्षा से फसलें भी खराब हो गई हैं, लिहाजा किसानों का हाथ तंग हैं। ऐसे में किसानों का कहना है कि बोनस की राशि ही मिल जाती तो उससे काफी सहारा मिलता।

गेहूं को बेचे हुए छह माह बीत गए, लेकिन अभी तक बोनस की राशि नहीं आई है। जिसके कारण अब रबी की बोवनी के लिए खाद-बीज लेने में भी परेशानी आ रही है।
काशीराम मीणा, जालेरा

पिछले सालों में खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचते थे तो कुछ दिन बाद बोनस भी आ जाता था, लेकिन इस बार तो छह महीने बीत गए, अभी तक बोनस का कोई पता नहीं है।
नारायण भारद्वाज, मानपुर

बीते छह महीनों से गेहूं के बोनस की राशि का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इस बार तो दीपावली का त्योहार ही आ गया, लेकिन बोनस नहीं आया। इंतजार काफी लंबा होता जा रहा है।
रामसिंह मीणा, नागदा

इस बार खरीफ की फसल भी बर्बाद हो गई है और किसान के हाथ तंग हैं। लेकिन सरकार बोनस की राशि नहीं दे रही है। जबकि दीपावली का त्यौहार भी नजदीक है।
कमलेश मीणा, काठौदी

गेहूं के बोनस के लिए शासन को डिमांड भेजी जा चुकी है, जैसे ही शासन से बजट प्राप्त होगा, वैसे ही किसानों के खातों में राशि का वितरण शुरू हो जाएगा।
पी गुजरे, उपसंचालक कृषि विभाग श्योपुर

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