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ग्वालियर

मिलावट की स्तर इतना की आपके जीवन के कई साल कम हो रहे हैं, किसी को चिंता नहीं सिर्फ कमाई पर ध्यान

गोल गप्पे के पानी और मसाले की मूंगफली का तीखापन भी आता है मिलावट के कारण

ग्वालियरAug 05, 2019 / 02:30 pm

Gaurav Sen

food depatment team raid on many mills and shops in gwalior

मिलावट की स्तर इतना की आपके जीवन के कई साल कम हो रहे हैं, किसी को चिंता नहीं सिर्फ कमाई पर ध्यान

ग्वालियर. बाजार में मिल रही कोई भी खाद्य सामग्री मिलावट से अछूती नहीं है। न बनाने वालों को हमारे स्वास्थ्य की चिंता है, न बेचने वालों को, सभी का ध्यान सिर्फ अपनी कमाई पर है। इसलिए बहुत सावधान होने की जरूरत है। अगर आप बाजार में गोल गप्पे खाने के शौकीन हैं, या कालीमिर्च के मसाले वाली मूंगफली पसंद है, तो सतर्क रहें।

मूंगफली में जो कालीमिर्च पाउडर दिख रहा है, हो सकता है वह नकली हो और उसमें तीखापन तेजाब से आ रहा हो। इसी तरह गोल गप्पे के पानी में लोंग, कालीमिर्च और गरम मसाले के स्वाद के लिए चांदी साफ करने वाले तेजाब की मिलावट हो सकती है। गोल गप्पे के पानी में हरा रंग भी मिलाया जाता है, जो बेहद हानिकारक हो सकता है। इसलिए इन चीजों को खाने से पहले यह जरूर पता कर लें कि इनकी गुणवत्ता सही है या नहीं।

प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई के बीच पत्रिका द्वारा रविवार को शहर के दाल बाजार, मुरार बाजार में पड़ताल की गई तो खाद्य सामग्री में जिन चीजों की मिलावट सामने आई वह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। व्यवसाई कमाई बढ़ाने के लिए ज्यादातर पिसे मसालों में मिलावट कर बाजार में खपा रहे हैं।मिलावटी मसालों की खपत शहर में तो है ही, ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर बिकने वाले लूज मसालों के नाम पर यह सबसे ज्यादा खपाया जा रहा है।

जीरा-220 रुपए प्रति किलो

बाजार में पतला, सूखा और ऑइल निकला हुआ जीरा खप रहा है। जीरे की नमी को निकालने के लिए आसवन पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है। इसका तेल दवाएं बनाने के काम में इस्तेमाल होता है और घरों में सिर्फ खोखला दाना ही पहुंच रहा है।
पहचान : इसकी पहचान आसान नहीं है, क्योंकि तेल निकालने के बाद भी इसकी खुशबू में अंतर नहीं आता है।
धनिया-खड़ा 140 रु. और पिसा 180 रु. किलो : अच्छे-भरे दाने की जगह धनिया की टुकड़ी को पिसवाकर पाउडर बनाया जाता है। इसे बेहतर दिखाने के लिए इसमें रंग मिलाया जाता है।
पहचान: सब्जी या किसी अन्य खाने की चीज के लिए मसाला तैयार करते समय हलकी कड़वाहट वाली गंध आती है। सब्जी ठंडी होने पर स्वाद कड़वा लगता है।
बेसन-80 रुपए प्रति किलो : चने की दाल का बेसन बनाने में लागत ज्यादा आने के कारण इसमें घुना हुआ चना, बटरा और तिवड़ा की दाल मिलाई जाती है। इसमें सबसे ज्यादा हानिकारक तिवड़ा दाल है, जिसे मिलाने से हलकी कड़वाहट आती है।
पहचान : बेसन अगर चने की दाल का बना होगा तो उसका रंग दाल जैसा ही पीला नजर आएगा, लेकिन मिलावट होगी तो या तो हलकी सफेदी लिए हुए होगा या पीलापन ज्यादा नजर आएगा।
काली मिर्च-खड़ी 550, पिसी 800 रु. किलो : कालीमिर्च मंहगी होने के कारण इसमें पपीते के बीज मिलाए जाते हैं। इसके तीखेपन को बरकरार रखने के लिए चांदी साफ करने वाला तेजाब मिलाया जाता है।
पहचान : इसकी पहचान आसान नहीं है, इसके बाद भी असल कालीमिर्च और मिलावटी कालीमिर्च के दानों को पानी में भिगोने के बाद कुछ अंतर समझ आ जाएगा। तेजाब मिला होगा तो तीखापन धोने के बाद कम हो जाएगा।
लाल मिर्च-खड़ी 160, पिसी 220 रुपए किलो : हलकी क्वालिटी की मिर्च को डंठल सहित पिसवाते हैं। तीखेपन के लिए इसमें अलग से मिलने वाले मिर्च के बीज मिलाए जाते हैं। इसके अलावा तीखा लाल दिखाने के लिए रंग मिलाया जाता है।
पहचान : सूखे मिर्च पाउडर की पहचान आसान नहीं है, लेकिन बाजार से आने वाली पिसी मिर्च और खड़ी मिर्च को घर में पीसकर कलर का अंतर समझ आ जाएगा। रंग मिली हुई मिर्च का कलर सब्जी बनने के बाद अलग दिखेगा। इसके अलावा मिर्च पाउडर को छिले प्याज पर रगडऩे के बाद उसे धोया जाए तो आॢटफिशियल कलर के कारण लालिमा बनी रहेगी।
हल्दी-खड़ी 120 पिसी 180 रुपए किलो : हल्दी का वजन बढ़ाने के लिए अरारोट मिलाया जाता है। 30 से 40 रुपए प्रति किलो मिलने वाला अरारोट हल्दी में मिलने से दुकानदार अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। मिलावटी हल्दी खाने से आंतों में बीमारी हो सकती है, क्योंकि अरारोट आंत में चिपकता है।
पहचान : आसान नहीं है, लेकिन अगर पानी में भिगोई जाए तो मिलावट वाली हल्दी में ज्यादा चिकनाहट महसूस होगी।
चावल-30 से 90 रुपए किलो तक : कम गुणवत्ता वाले सस्ते चावल खरीदकर इनमें तेलखड़ी पाउडर मिलाया जाता है। यह पाउडर मार्बल कटिंग से बचे टुकड़ों को पीसकर बनाया जाता है। इस तरह का चावल लगातार खाने से पथरी होने का अंदेशा रहेगा।
पहचान : चावल को धोने के बाद बनाना ही इससे बचने का तरीका है। अगर मार्बल पत्थर से बने पाउडर से चमक बढ़ाई गई होगी तो पानी में धोकर चावल निकाल लें और थोड़ी देर बाद पानी को देखेंगे तो तली में परत जमी नजर आएगी। सामान्य से ज्यादा चमकीला चावल नजर आए तो खरीदने से पहले पता कर लें कि पॉलिश तो नहीं है।
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