असली किन्नरों ने जाल बिछाकर चार ऐसे नकली किन्नरों को पकड़ा है जो उनके नाम से लोगों के शुभ कार्य में पहुंचकर हजारों रुपए की बधाई ले जाते थे। जब असली किन्नर वहां पहुंचते थे तब उन्हें नकली किन्नरों की करतूत का पता चलता था। असली किन्नरों ने जाल बिछाकर शहर से चार नकली किन्नरों को अपने अड्डे पर बुलवाया और उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई। कलाई खुलते ही नकली किन्नरों ने माफी मांगी और भविष्य में किन्नर बनकर बधाई लेने से तौबा की।
दरअसल इन दिनों शहर में नकली किन्नरों की बाढ़ आई हुई है। पहले यह नकली किन्नर यात्री ट्रेनों में चलकर लोगों को परेशान करते थे और उनसे जबरन अवैध वसूली करते थे। लॉकडाउन के पीरियड के दौरान इन किन्नरों ने शहर को ही अपना मुख्य ठिकाना बनाया है और अलग-अलग गली मोहल्लों में जाकर असली किन्नर बनकर लोगों के शुभ कार्य में वसूली करने पहुंचते थे। जब असली किन्नर बधाई लेने जाते तो उन्हें इन नकली किन्नरों की करतूत का पता चलता था। लड़कियों और महिलाओं की वेशभूषा बनाकर नकली किन्नर जो वास्तव में लड़के होते थे। लोगों के बीच पहुंचते थे और मुंह मांगी रकम नहीं मिलने पर अभद्रता पर भी उतर आते थे।
असली किन्नरों ने उन्हें कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह उन्हें ही धमकाने से नहीं चूकते थे। खास बात यह है कि असली नकली के चक्कर में इंदरगंज और उपनगर ग्वालियर इलाके में दो बार बड़े झगड़े हो चुके हैं। लेकिन नकली किन्नर अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। इसलिए शनिवार को किन्नरों ने शहर के अलग-अलग इलाकों से इन लड़कों को जाल में फंसाकर अपने इलाके शब्द प्रताप आश्रम पर बुलवाया और सबके सामने उनकी असलियत उजागर की। पकड़े जाने पर नकली किन्नरों ने वहां मौजूद असली किन्नरों से माफी मांगी और भविष्य में इस तरह की हरकत फिर से नहीं करने की बात कही। असली किन्नरों से माफी मांगने के बाद नकली किन्नरों को छोड़ दिया गया है।