scriptगले में फंदा फंसाया बोले रोटी छीनी फांसी दो | Framed a noose around the neck, said snatched bread and hanged | Patrika News

गले में फंदा फंसाया बोले रोटी छीनी फांसी दो

locationग्वालियरPublished: Jan 20, 2022 01:46:07 am

Submitted by:

Puneet Shriwastav

प्रशासन से गुस्सा सब्जी कारोबारी नगरनिगम ने किया एनाउंस दो दिन की मोहलत दी

Vegetable traders angry with the administration

गले में फंदा फंसाया बोले रोटी छीनी फांसी दो

ग्वालियर। हजीरा की पुरानी सब्जी मंडी को बंद करने का मसला लगातार तूल पकड रहा है। यहां से जो कारोबारी हटाए गए थे वो वापस पुरानी जगह पर काबिज होने की जिद पर हैं। उनका कहना है प्रशासन ने उन्हें उजाड़ दिया। अब मरने की कगार पर आ गए हैं। सरकार उन्हें रोटी नहीं दे सकती तो फांसी पर चढ़ा दे। गुस्सा जाहिर करने के लिए कारोबारी गले में फंदे डालकर बैठ गए। बोले अब मरने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर को भी खरी खोटी सुनाई। कारोबारियों की दलील थी आठ दिन से उनका धंधा बंद है। परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आई है। इसके लिए प्रदेश सरकार दोषी है। विकास के नाम पर उनके साथ छलावा किया जा रहा है।
हजीरा की पुरानी सब्जी मंडी के कारोबारी आर पार की लड़ाई पर आ गए हैं। बुधवार को महिलाओं और पुरूषों की टोली गले में फंदे डाल लिए। दलीलें दीं अब यही बचा है उन्हें फंासी पर चढ़ा दे। क्योंकि उन्हें नई मंडी में विकास का हवाला देकर बर्वाद तो कर दिया है। उनके सामने दो वक्त की रोटी के लिए संकट हो गया है। बच्चे भूख से परेशान हैं। उन्हें क्या जबाब दें।
कैसे मानें कि सरकार और प्रशासन उनका हितैषी है। पुरानी मंडी से किसी को दिक्कत नहीं थी। फिर उन्हें छलावे से खदेड़ा गया। उनके ठिकाने तोड़ दिए। उनसे कहा गया इंटक मंडी में जाने से उनका कारोबार बढ़ेगा, उनका विकास होगा। यह सब थोथी बातें हैं। कारोबार सब बढ़ाना चाहते हैं। इंटक मंडी में अगर धंधा बढ़ता तो वहां जाने से कोई मना नहीं करता। लेकिन मंडी में न तो पर्याप्त जगह है न व्यापारियों को सलीके से जगह दी है इसलिए वह जाना नहीं चाहते।
250 की जगह 350 को बांटी दुकानें
सब्जी व्यापारियों का कहना था पुरानी मंडी में 250 कारोबारी हैं, इंटक मैदान में प्रशासन अभी तक 350 दुकानें बांट चुका है। उनसे कहा जा रहा है नई मंडी में दुकान लगाओ, इससे सबका कारोबार बढ़ेगा। ज्यादा पैसा कमाओगे। विकास होगा। लेकिन वहां कौन कहां बैठेगा, वहां सब्जी रखने लायक तक जगह नहीं मिलेगी। फिर कैसे कारोबार करेंगे। यह तो उनके साथ छलावा हो रहा है।
एक बार पहुंच गए फिर कोई नहीं सुनेगा
कारोबारियों का कहना था ठेले हटाने की आड़ में उन्हें भी खदेड़ा गया है। हम भी जानते हैं एक बार झांसे में आकर इंटक मैदान पहुंच गए फिर कोई परेशानी नहीं सुनने वाला। हमें तो यह बताया जाए कि पुरानी मंडी में सब्जी बेचने से प्रशासन को क्या दिक्कत है। सब्जी कारोबारी न तो सडक़ चलने वालों के लिए परेशानी हैं। न उनकी वजह से जाम लगता है। प्रशासन को विकास करना है तो पुरानी मंडी में आकर करे। उसके लिए जगह बदलने की जरूरत क्या है।
भोंपू पर ऐलान दो दिन की मोहलत
मंडी के मसले पर सब्जी कारोबारी और प्रशासन की सीधी बात बंद है। बुधवार को नगरनिगम ने एनाउंस कर इन कारोबारियों को हिदायत दी है कि अगर दो दिन अगर इंटक मंडी में नहीं गए तो उन्हें दी जाने वाली जगह दूसरे कारोबारियों को आबंटित की जाएगी।
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