पुनीत श्रीवास्तव @ग्वालियर। सरकारी अस्पताल में साथ नौकरी करने वाली महिला के साथ दोस्ती में रोडा अटकने से दुखी सहकर्मी ने फांसी लगा ली। महिला से दोस्ती के बाद अस्पतालकर्मी परिवार से अलग मुरार में कमरा लेकर रह रहा था। रविवार रात को बदहवास हालत में घर आया था। देर रात तक मां और भाइयों से बात की फिर सुबह जब घरवाले जागे तो उन्हें उसका शव फांसी पर लटका मिला। तलाशी में सुसाइड नोट भी मिला। उसमें साफ लिखा है कि मौत की वजह प्रेमिका का पति है। उसकी धमकियों से तंग आकर ही सुसाइड करना पड रही है। एसआई सुरेश ङ्क्षसह कुशवाह ने बताया दत्तमंदिर जीवाजीगंज के पास रहने अंशुल पाल(२२) ने रविवार, सोमवार रात को फांसी लगा ली। अंशुल मुरार जिला अस्पताल के जांच विभाग में नौकरी करता था। पिता रामस्वरुप के निधन के बाद उसे अनुकंपा नौकरी मिली थी। कुछ महीनों से अंशुल ने मुरार में किराए का कमरा ले लिया था वहीं रहता था। रविवार रात को परेशान हालत में घर आया था। देर रात तक मां लाजवंती और भाईयों से बातें की, फिर सब सोने चले गए। सुबह सात बजे मां उठीं तो अंशुल फांसी पर लटका मिला। पुलिस ने आकर कमरे की तलाशी ली तो उसमें सुसाइड नोट मिल गया। उसमें अंशुल ने अपनी मौत का दोषी दीपक श्रीवास्तव को बताया है। परिजन ने इस बारे में पुलिस को बताया कि अंशुल की प्रियंका से दोस्ती थी। उसके मुरार में रहने की वजह प्रिंयंका भी थी। वह भी स्वास्थ विभाग में है। अक्सर अंशुल के पास रहती थी। लेकिन दोनों का मेलजोल उसके पति दीपक को पंसद नहीं था। इसलिए अक्सर दीपक उसे धमकाता रहता था। रात को अंशुल के साथ क्या हुआ उसने नहीं बताया। उसने यह भी आभास नहीं होने दिया कि वह सुसाइड कर सकता है।पुलिस के मुताबिक अंशुल के सुसाइड नोट में लिखी इबारत की हैंड राइटिंग जांच कराई जाएगी।
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