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ट्रॉमा सेंटर, मेडिसिन, सर्जरी, न्यूरोसर्जरी सहित अन्य विभाग के वार्डों में दिन भर पर्ची का खेल चलता है। चार से पांच बार मरीजों को बाजार से दवा लाने के लिए पर्ची लिखी जाती है। उदाहरण के तौर पर सर्जरी विभाग में भर्ती एक मरीज दौलतराम का ऑपरेशन होना है एेसा उसके भतीजे जीतू ने बताया। लेकिन ऑपरेशन से पहले उसे बाजार से कुछ सामान खरीदकर लाने के लिए एक पर्ची थमाई गई। उसने बताया कि इस तरह की कई पर्ची अब तक उन्हें दी गई हैं।मौत से लड़ती रही नन्ही जान न तो जन्म देने वाली मां का कलेजा पिघला न ही पिता आया सामने,आपको हैरान कर देगी ये खबर
इंडेंट से मंगाई जाती है दवा
अस्पताल में दवा का पर्याप्त स्टॉक है। वार्ड में दवाएं और सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मेडिसिन स्टोर कोइंडेंट भेजा जाता है। वहां से डिमांड के हिसाब से दवा व अन्य सामान उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद भी वार्डों में दवा व अन्य सामान के लिए जूनियर डॉक्टर पर्ची लिखकर देते हैं।
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मरीजों की परेशानियांट्रॉमा सेंटर भर्ती मरीज के तीमारदार ने बताया डॉक्टर हर घंटे दो से तीन पर्चियां थमा देते हैं
मरीज को बार-बार बाजार की दवाएं लिखी जा रही हैं।
24 घंटे के भीतर तीन हजार रुपये की दवाएं बाहर से मंगा चुके हैं।
इसी तरह तीमारदार अनिल का मरीज इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में भर्ती है
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डॉक्टर शाम से अब तक उसे दस पर्चियां लिख चुके हैं
प्रत्येक पर्ची में दो से तीन दवाएं लिखी जा रही हैं। दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं
जानकारी देने वाला कोई नहीं
जूनियर डॉक्टर खुलेआम मरीजों को बाहर की जांच और दवाएं लिख रहे हैं।
सबसे ज्यादा मरीजों से लूट जनरल सर्जरी विभाग में चल रही है
ट्रॉमा सेंटर में खून जांच की सुविधा न होने से मरीजों के नमूने बाहर भेजे जा रहे हैं।
इस मामले पर सख्ती बरती जाएगी। अगर कोई तीमारदार यह शिकायत करता है। कि उससे बाहर की महंगी दवा मंगवाई जा रही है। तो उस मामले की पूरी तरह से जांच होगी। अगर बाहर का कोई दलाल सामने नजर आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.जेएस सिकरवार, अधीक्षक, जेएएच