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ग्वालियर

उद्योगों की समस्याएं समझे सरकार

– लघु उद्योग भारती का प्रादेशिक सम्मेलन सम्पन्न

ग्वालियरDec 01, 2019 / 11:24 pm

Narendra Kuiya

उद्योगों की समस्याएं समझे सरकार

उद्योगों की समस्याएं समझे सरकार

ग्वालियर. एमएसएमई में उत्पादन, सेवा और ट्रेडर्स को सम्मिलित करने से ही लघु उद्योगों के लिए सही नीति नहीं बन पा रही है क्योंकि तीनों की समस्याएं अलग है। यह बात लघु उद्योग भारती के निवर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने रविवार को लघु उद्योग भारती के प्रादेशिक सम्मेलन में कही। कार्यक्रम में विधायक मुन्नालाल गोयल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में उद्योग पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
लघु उद्योग भारती के प्रांतीय सम्मेलन में जितेंद गुप्ता ने उद्यमियोंं से कहा कि देश के 6 करोड़ 33 लाख माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज को अपने अर्थशास्त्र के मुद्दों पर हर मोर्चे पर लडऩा होगा। हमने केंद्र शासन से कहा है कि सूक्ष्म, स्मॉल, मीडियम तीनों कैटगरी को अलग करिए। छोटे जॉब वर्क पर जीएसटी 5 प्रतिशत और जिन उद्योगों का टर्न ओवर 3 करोड़ तक का है उन्हें 25 प्रतिशत रिफंड दिया जाए। प्रदेश अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि डीआईसी की जमीनों पर संपत्ति कर और संधारण शुल्क लगता है यह दोहरा कर नहीं लगना चाहिए। लोन बदलने पर स्टाम्प ड्यूटी की बाध्यता समाप्त होनी चाहिए, उद्योगों के रोजगार में आरक्षण नीति ठीक नही है इससे योग्यता का हनन होता है। इससे पूर्व संवाद कार्यक्रम में उद्यमी मनोज अग्रवाल, सुदीप शर्मा, संतोख सिंह, जगदीश मित्तल, मोहन गर्ग, प्रकाश अग्रवाल, जीके सूरी, विजय गाबरा ने उद्योगों में आ रही समस्याओं को रखा। प्रदेश सचिव राजेश मिश्रा ने संघटन के कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन अलोपी बंसल ने और आभार सोबरन सिंह ने व्यक्त किया।

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