पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की दो नाव में सवारी कांग्रेस को भी रास नहीं आ रही है। इसके चलते अल्टीमेटम जारी करके सोमवार तक अपनी राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट करने को कहा है। इसके बाद एकतरफा कार्रवाई की जाएगी। वैसे भी इस्तीफे सादे कागज पर लिखे गए हैं या फिर सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं। इसके पांच दिन बाद भी इस्तीफा लेकर कोई कार्यालय नहीं आ रहा है। इनमें से कई ने तो शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराकर चुपचाप लौैट गए।
सरकार कायम रही तो उसके साथ, गिर गई तो नेता के पास
ज्योतिरादित्य सिंधिया का खास बताने की होड़ में कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता ने पद से इस्तीफे तो दे दिए, लेकिन प्रदेश में सरकार की अस्थिरता ने इनके लिए मुसीबत बढ़ा दी है। राजनीति के जानकारों अनुसार कुछ कांग्रेसी समय के इंतजार में थे कि प्रदेश में कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी, उसके अनुसार पाला बदल लेते। इसलिए सिर्फ दिखावे के लिए इस्तीफा दिया था।
इनके इस्तीफे आए
काशीराम देहलवार, जिला उपाध्यक्ष डीसीसी ग्वालियर, प्रभारी सेवा दल ग्वालियर, नूर आलम वारसी, प्रवक्ता एवं कांग्रेस प्राथमिक सदस्य, रूचिका श्रीवास्तव, प्रवक्ता एवं कांग्रेस प्राथमिक सदस्य और केसी राजपूत प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
कुछ ने भोपाल भेजे
कुछ पदाधिकारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और मप्र कांग्रेस कमेटी भोपाल को सीधे इस्तीफे भेज दिए है, इनकी जानकारी जिला कमेटी को नहीं है।
भरोसे के लिए अपनों की नब्ज टटोल रही टीम
सिंधिया की टीम उनके बेहद करीबी माने जाने वाले कांग्रेसियों की थाह ले रही है। टीम के पास इस्तीफा देकर सिंधिया में अपनी आस्था जताने वालों की सूची है। वहीं उन कांग्रेसियों के नाम भी हैं जो अभी तक पशोपेश में हैं। सिंधिया की टीम लगातार उन कांग्रेसियों से संपर्क कर रही है। खासतौर पर ग्वालियर-चंबल के जिला, ब्लॉक पदाधिकारियों की नब्ज टटोली जा रही है। जो कांग्रेसी नेता उनके फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं उनको ब्लैक लिस्टेड किया जा रहा है।
इन्होंने दिए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफेे
जिला कमेटी: गुड्डू वारसी प्रवक्ता जिला कमेटी, सुरेन्द्र परमार जिला महामंत्री, इमरान आलम वारसी जिला महासचिव युवा कांग्रेस, शाहरुख खान जिला महासचिव, संजय फडतरे जिला संगठन मंत्री।
जिला महिला कमेटी: कमलेश कौरव अध्यक्ष महिला, अंजलि शर्मा महामंत्री महिला कांग्रेस, ब्रजवाला सिंह जिला सचिव, गिरजा जिला महामंत्री, रेखा सिंह जिला संगठन मंत्री, ऊषा जिला महामंत्री।
ब्लाक स्तर: सतेन्द्र शर्मा, मंजू झा, गौरव भोसले, बीना भारद्वाज, धर्मेन्द्र शर्मा (ब्लॉक अध्यक्ष), अमित चौबे, बृजेश तिवारी, नरेश (ब्लाक उपाध्यक्ष)।
मप्र महिला कांग्रेस कमेटी: रुचिका श्रीवास्तव प्रदेश सचिव महिला कांग्रेस।
मप्र कांग्रेस कमेटी: डॉ. अनूप राज चौपड़ा महासचिव मप्र कांग्रेस कमेटी, सुरेन्द्र शर्मा प्रदेश महामंत्री, कुलदीप प्रदेश सचिव युवा कांग्रेस।
सादे कागज पर इस्तीफा मान्य नहीं
सिंधिया के समर्थन में 12 मार्च को माधवराव सिंधिया की समाधि पर कांग्रेस के कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से सादे कागज पर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे लिखकर कांग्रेस कार्यालय भेज दिए थे, लेकिन ये मान्य नहीं किए है।
गंगवाल ने दिया इस्तीफा
मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा वापस लेने के लिए दो दिन की मोहलत……..
जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा ने बताया, भावनाओं में बहकर कई लोगों ने इस्तीफे लिख दिए है, लेकिन शनिवार तक आधिकारिक रूप से सिर्फ चार इस्तीफे कार्यालय आए है। जिन्होंने सोशल मीडिया और सादे कागज पर इस्तीफे लिखे है वे यदि कांग्रेस में वापस आना चाहते है तो सोमवार तक सूचना दे सकते हैं। इसके बाद उनके नामों पर विचार नहीं किया जाएगा और वे स्वत: ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त माने जाएंगे।
निवर्तमान पार्षदों ने कहा, सिंधिया के लिए नहीं बदल सकते अपनी विचारधारा
सिंधिया के भाजपा में शामिल होते ही उनके पीछे इस्तीफा देने वालों की होड़ सी लग गई, लेकिन कांग्रेस के पार्षद रहे 10 लोगों में से किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया। सभी पार्षद अपने राजनीतिक कैरियर को लेकर चिंतित हैं। कुछ पार्षदों ने पहले सिंधिया के साथ ही इस्तीफा देने की बातें जरूर कहीं, लेकिन बाद में वह पलट गए। अब सभी का कहना है कि वह अपनी विचारधारा नहीं बदल सकते हैं।
टिकट का है मामला : पार्षदों के इस्तीफा न देने और भाजपा में शामिल न होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है उनकी राजनीति। नाम न छापने की शर्त पर पार्षद ने बताया कि भाजपा में शामिल होने पर तो पूरी राजनीति ही खत्म हो जाएगी। निगम चुनाव होना है और भाजपा में पहले से ही लोग चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में हम जब जाएंगे तो हमें कौन पूछेगा। सिंधिया या विधायकों का कुछ नहीं बिगड़ेगा जो छोटे कार्यकर्ता हैं उन्हें परेशानी होगी। अक्टूबर और नवंबर में नगर निगम चुनाव होना है ऐसे में कांग्रेस पार्षदों ने कांग्रेस में रहना ही बेहतर समझा।
पहले कहा अब पलटे
सिंधिया ने कांगे्रस से इस्तीफा दिया तो नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे कृष्णराव दीक्षित ने भी समर्थन करते हुए इस्तीफा देने की बात कही थी। उप नेता प्रतिपक्ष चतुर्भुज धनौलिया ने भी समर्थन की बात कही। हालांकि दोनों ने ही इस्तीफा नहीं दिया है।
कांग्रेस नहीं छोड़ सकते
माधवराव सिंधिया हमें मुझे कांग्रेस में लेकर आए थे, हमने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ होने की बात कही थी लेकिन उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली। मैं कांग्रेस की विचारधारा नहीं छोड़ सकता हूं।
कृष्णराव दीक्षित, निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
कांग्रेस के किसी भी पार्षद ने इस्तीफा नहीं दिया है। इसको लेकर अभी किसी ने कुछ कहा भी नहीं है। सभी कांग्रेस में ही हैं।
देवेन्द्र शर्मा, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस