161 साल हो गए इनकम टैक्स व्यवस्था को
भारत में आयकर व्यवस्था को लागू हुए 161 साल हो चुके हैं। आधुनिक भारत में इनकम टैक्स व्यवस्था की शुरूआत सबसे पहले ब्रिटिश सरकार की कौंसिल ऑफ इंडिया के फाइनेंशियल मेंबर जेम्स विल्सन ने की थी। यह व्यवस्था 24 जुलाई 1860 को लागू हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि 1857 की प्रथम क्रांति से ब्रिटिश सरकार को जो घाटा हुआ उसकी भरपाई के लिए इसकी शुरूआत हुई। इसके बाद इसमें 1918, 1922 और 1961 में कई बदलाव किए गए। वर्तमान में जो कानून है उसके ज्यादातर प्रावधान इनकम टैक्स एक्ट 1961 के हैं। इनकम टैक्स के दो हिस्से होते हैं एक व्यक्तिगत आयकर, जो आम करदाता से मिलता है और दूसरा कॉरपोरेट टैक्स जो कंपनियों की आय पर लिया जाता है।
भारत में आयकर व्यवस्था को लागू हुए 161 साल हो चुके हैं। आधुनिक भारत में इनकम टैक्स व्यवस्था की शुरूआत सबसे पहले ब्रिटिश सरकार की कौंसिल ऑफ इंडिया के फाइनेंशियल मेंबर जेम्स विल्सन ने की थी। यह व्यवस्था 24 जुलाई 1860 को लागू हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि 1857 की प्रथम क्रांति से ब्रिटिश सरकार को जो घाटा हुआ उसकी भरपाई के लिए इसकी शुरूआत हुई। इसके बाद इसमें 1918, 1922 और 1961 में कई बदलाव किए गए। वर्तमान में जो कानून है उसके ज्यादातर प्रावधान इनकम टैक्स एक्ट 1961 के हैं। इनकम टैक्स के दो हिस्से होते हैं एक व्यक्तिगत आयकर, जो आम करदाता से मिलता है और दूसरा कॉरपोरेट टैक्स जो कंपनियों की आय पर लिया जाता है।
390 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त किया
ग्वालियर कमिश्नरेट को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 287 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था। चूंकि गत वर्ष कोरोना संक्रमण काल की शुरूआत हो गई थी, इसके चलते ये लक्ष्य घटाकर 210 करोड़ रुपए कर दिया गया था। आयकर विभाग ने विवाद से विश्वास स्कीम के चलते 390 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त किया। वहीं इस वर्ष कोरोना संक्रमण काल के कारण कोई लक्ष्य नहीं दिया गया है।
ग्वालियर कमिश्नरेट को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 287 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था। चूंकि गत वर्ष कोरोना संक्रमण काल की शुरूआत हो गई थी, इसके चलते ये लक्ष्य घटाकर 210 करोड़ रुपए कर दिया गया था। आयकर विभाग ने विवाद से विश्वास स्कीम के चलते 390 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त किया। वहीं इस वर्ष कोरोना संक्रमण काल के कारण कोई लक्ष्य नहीं दिया गया है।