दरअसल, मंत्री जैसे ही बैठक से बाहर निकले गेट पर मौजूद शिक्षक दंपति हाथ में आवेदन लिए रोने लगा। शिक्षक की पत्नी विमला यादव बार-बार मंत्री और शिक्षा आयुक्त जयश्री कियावत के पैरों पड़ गिर रही थी। इस दौरान वह दहाड़ मारकर रो रही थी। महिला और उसके पति मंत्री से बार-बार बोल रहे थे कि हमारा परिवार भूखे मर रहा है। हमें वेतन नहीं मिल रहा है।
मंत्री से रोते हुए शिक्षक की पत्नी बोली कि साहब, 19 महीने से वेतन नहीं मिला है, घर की स्थिति बहुत खराब हो गई है, जहर खाने तक को पैसे नहीं हैं। वेतन जारी करने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। प्रचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी दो लाख रुपये की मांग करते हैं। प्राचार्या बिना वजह के वेतन रोक दिया है, अब भी अगर वेतन नहीं मिला तो हम क्या करेंगे।
ये सब कुछ मोतीमहल मान सभागर में चल रही बैठक के बाद। यहां मौजूद सहायक शिक्षक पति-पत्नी जगदीश और विमला यादव ने मंत्री से रोते हुए शिकायत की। इस दौरान शिक्षक जगदीश ने मंत्री के सामने आरोपी अधिकारियों पर खूब भड़ास भी निकाली। महिला शिक्षिका रोते हुए शिक्षा आयुक्त जयश्री कियावत और मंत्री के पैरों पर गिर गई। इसके बाद दोनों को वेतन दिलाए जाने का आश्वासन दिया।
शोर-शराबे के बीच मंत्री के सामने पहुंचने पर शिक्षिका विलाप करने लगी। इस दौरान मंत्री ने शिक्षका और शिक्षिका से अपनी बात रखने को कहा तो उनके साथ चल रहे एक अन्य व्यक्ति ने पति-पत्नी को उपेक्षा की नजर से देखते हुए कहा कि रोना है या अपनी बात बतानी है। इस पर क्षुब्ध शिक्षक भी तेज आवाज में बोलने लगे कि विभाग में भ्रष्टाचार मचा है, प्राचार्य पीसी गुप्ता ने मुझे त्रस्त कर दिया है।
वहीं, मंत्री से शिकायत के बाद आरोपी प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया है। प्राचार्य गुप्ता ने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। पीड़ित शिक्षक ने चेतावनी दिया था कि अब अगर समस्या का कोई हल नहीं निकलता है तो मेरे सामने आत्महत्या के सिवा कोई रास्ता नहीं बचेगा।