कार्यक्रम में सिंधिया का सवाल था कि देश की राजधानी के इतना करीब होते हुए भी आखिर हम तीव्र गति से विकास क्यों नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि विगत काल में वे भले ही गुना-शिवपुरी से सांसद रहे लेकिन ग्वालियर का विकास उनकी सर्वप्रथम प्राथमिकता रही। सिंधिया के संबोधन से यह स्पष्ट हो गया कि ग्वालियर का विकास वर्तमान के साथ स्थानीय संदर्भों में भविष्य का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनेगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के विकास के लिए स्वर्णरेखा पर एलिविटेड रोड, शहर में वेस्टर्न बायपास रिंग रोड, हैरिटेज को संरक्षित करने के साथ महाराज बाड़े का सौंदर्यीकरण, तीन गैस बेस्ड स्टेशनों के आधार पर बिजली की आपूर्ति, 240 करोड़ की लागत से रेल्वे स्टेशन का पुनरोद्धार, ढाई सौ करोड़ की लागत से चंबल से ग्वालियर पानी लाने एवं एक हजार बिस्तरों के अस्पताल जैसी तमाम योजनाओं की दिशा में कार्य हो रहा है।
कार्यक्रम में प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, कैट के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन, व्यवसायी मुकेश अग्रवाल, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह एवं स्मार्ट सिटी की सीइओ जयति सिंह भी विशेष रूप से मंचासीन थे।