ग्वालियर

हाईकोर्ट ने कलेक्टर की बुद्धि पर उठाए सवाल, 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

मिलावटखोर पर लगाई गई रासुका को हाईकोर्ट ने किया निरस्त, कहा-लगता है प्रशासन ने द्वेषपूर्ण कार्रवाई की है..

ग्वालियरFeb 04, 2021 / 06:13 pm

Shailendra Sharma

ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने मुरैना जिले के कलेक्टर की बुद्धि पर सवाल उठाते हुए उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कलेक्टर को जुर्माना भरने के लिए 30 दिन का वक्त दिया गया है। मामला मुरैना से पकड़े गए एक दूध कारोबारी का है जिसे मिलावटी दूध बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। और बाद में उस पर रासुका की कार्रवाई की गई थी।

 

आरोपी ने दी रासुका लगाने की कार्रवाई को चुनौती
मुरैना जिला प्रशासन ने 1 दिसंबर को मुरैना के दूध व्यापारी अवधेश शर्मा को मिलावटी दूध बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के ठीक दूसरे दिन प्रशासन ने अवधेश शर्मा पर एंटी माफिया अभियान के तहत मुरैना कलेक्टर ने आरोपी अवधेश के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की थी। रासुका की कार्रवाई को चुनौती देते हुए आरोपी अवधेश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रासुका की कार्रवाई को नियमविरुद्ध मानते हुए तुरतं प्रभाव से एनएसए की कार्रवाई को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने इसे लेकर सख्त टिप्पणी भी की है।

 

कोर्ट ने कलेक्टर पर लगाया 10 हजार का जुर्माना
कोर्ट ने रासुका की कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश देते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे जिला प्रशासन ने द्वेषपूर्ण कार्रवाई की है। जेल में बंद व्यक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई करना निजी स्वतंत्रता के मूलभूत अधिकार का हनन करने जैसा है। कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसा लग रहा है कि रासुका लगाते समय बुद्धि का प्रयोग नहीं किया गया। कोर्ट ने शासन और मुरैना कलेक्टर को 30 दिन के भीतर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भरने का आदेश भी दिया है और कहा कि जुर्माने की राशि याचिकाकर्ता को दी जाएगी।

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