स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को बता दिया गया था कि विधायक अस्वस्थ हैं। सिलावट ने जाने से पहले विधायक के यहां जाने को कहा था, रात को वे विधायक के यहां पहुंचे,ं उनके साथ कांग्रेस नेता भी थे। ये विधायक पहले भी शहर के मंत्री से भिड़ चुके हैं। भोपाल में उनके बीच काफी गहमा-गहमी हो गई थी। यहां पर वरिष्ठ मंत्री लाखन सिंह ने मामले को शांत कराया था। जैसे ही सिलावट विधायक के यहां पहुंचे हाल-चाल जानने के बाद विधायक ने अपने मंत्रियों की शिकायत करते हुए कहा कि न तो कार्यकर्ताओं की सुनी जा रही और न ही उनकी बात को महत्व दिया जा रहा है।
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ये सभी मंत्री और विधायक सिंधिया खेमे के हैं, लेकिन चर्चा यह भी है कि यह खेमा अब टूटने वाला है क्योंकि असंतुष्ट नेता दूसरे खेमे के संपर्क में हैं। अशोक सिंह को अपैक्स बैंक का प्रशासक बनाए जाने के बाद सिंधिया खेमे के नेता कमलनाथ खेमे के नेताओं से भी संपर्क में हैं।
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इस नियुक्ति के बाद अब और नियुक्तियां होना है जिसमें ग्वालियर मेला प्राधिकरण अध्यक्ष, साडा और जीडीए अध्यक्ष और इनके संचालक मंडलों की नियुक्ति होना है। दूसरी तरफ संपर्क बनाने वाले नेता यह भी जानते हैं कि सिंधिया की हरी झंडी के बिना उनकी नियुक्ति संभव नहीं है इसलिए खुलकर कोई भी सामने नहीं आ रहा है।