ग्वालियर। भिण्ड जिले में पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। आलम यह है कि गांव कस्बों में बस्तियां बाजार डूब में आ गए हैं। बरसाती नालों, नदियों व तालाबों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। आलमपुर में ग्वालियर दबोह मार्ग पर सोनभद्रिका नदी, अमायन में गहेली के बरसाती नाले की पुलिया एवं मौ कस्बे में मेहगांव-मौ-सेंवढ़ा हाईवे पर झिलमिल नदी के रपटा पुलों के ऊपर पर पांच-पांच फीट पानी चल रहा है। ऊमरी क्षेत्र के देवगढ़ गांव में बारिश के पानी ने बाढ़ लादी है। नदीपुलों व रपटों के बाढग़्रस्त हो जाने से इन पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है।
नयागांव थाना क्षेत्र के लहरोली गांव में जलभराव के चलते पुराने मकानोंका गिरना जारी है। मंगलवार तक धराशायी होने वाले मकानों का आंकड़ा लगभग 100 तक पहुंच गया है। मेहगांव व अमायन कस्बों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। चारों तरफ जलप्रलय जैसा माहौल है। अमायन में खण्डारोड, हाट बाजार,मझपट्टी, संत पटटी,बाल्मीक मोहल्ला सहित कई बस्तियां डूबी हुई हैं। गोरमी कस्बे में भी भारी जलभराव है व सड़कों पर पानी चल रहा है। खेरिया मोहल्ला पूरा जलमग्न है यहाँ रह रहे मजदूरों के दर्जन भर कच्चे मकान गिर गए, जिससे उन लोगों के पास सिर छिपाने की भी जगह नही बची है। वार्ड आठ में अरविंद थापक सुरेश रावत का मकान गिरने के साथ-साथ लगभग एक दर्जन घरों की दीवारे गिर गई।क्षेत्र के गुलियापुरा का तालाब ओवरफ्लो होने से आसपास के गांवों में बाढ़़ का खतरा पैदा हो गया है।
थ्रीडी से खुदवाया पुलिया को मेहगांव में मंगलवार को डूबग्रस्त इलाकों से जलनिकासी के लिए नपा के सीएमओ एनएल करोलिया एवं उपाध्यक्ष मुरारीसिंह गुर्जर ने थ्रीडी से गांधी रोड की सड़क व डिवाइडर के साथ आदिवासीपुरा की पुलिया को खुदवाकर चौड़ा करवाया। उधर भिण्ड शहर में भी अनेक निचली बस्तियां जलमग्र हैं।
शहर के गोरी तालाब ने तटबंध तोड़ दिए हैं। विगत तीन दिनों से तालाब का पानी सड़क पर चल रहा है। वहीं आदिवासीपुरा, हनुमान रोड तथा चंदोखर की पार की निचली बस्तियों के तकरीबन 800 से ज्यादा मकान डूब गए हैं। गांधी रोड व हनुमान रोड पर 40 से ज्यादा किराना, कपड़ा, सीमेन्ट, खादबीज, जनरल स्टोर आदि की दुकानों में पानी भर जाने से व्यापारियों का करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया है। यहां नगर परिषद के दफ्तर और अधिकारियों के सरकारी आवासों तक में पानी भरा हुआ है।
जलभराव से जनजीवन अस्तव्यस्त जलभराव के शिकार गांव कस्बों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। लोग छतों के टिनशेडों व अन्य ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं। कई लोगों के घरों में पानी भर जाने से उनके यहां भण्डारित खाद्य सामग्री नष्ट हो गई है जिससे उनको भोजन की समस्या पैदा हो गई है।पालतू पशुओं के सामने भी आवास और चारे पानी का संकट है। मेहगांव विधायक चौधरी मुकेश सिंह ने जलभराव के शिकार इलाकों का पैदल दौरा करने के बाद प्रशासन को वहां जनजीवन सामान्य बनाने, लोगों के स्वास्थ्य, आवास व सुरक्षा के इंतजाम तत्परता से करने के निर्देश दिए हैं।
रपटे पर फंसे यात्रियों को युवाओं ने कराया भोजन पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते मौ कस्बे के प्रवेश स्थल पर बने झिलमिल नदी के रपटे पर पांच फिट ऊपर पानी बढ़ जाने से आवागमन ठप हो गया है। करीब दो हजार मुसाफिर कस्बे में बाढ़ के चलते फंस गए। ऐसे में प्रशासन द्वारा यात्री परिवारों के खाने का इंतजाम नहीं किया गया। स्थानीय यादव समाज के सुंदर सिंह यादव, गजेंद्र सिंह यादव, प्रमोद सिंह, बकील ङ्क्षसह, रवि यादव, सूर्यप्रकाश यादव, शिवम यादव, रणविजय सिंह, दिनेश सिंह, महेंद्र यादव, कुलदीप सिंह, दिग्विजय सिंह, जानकी प्रसाद, मनीष यादव आदि ने यात्रियों की परेशानी को देखते हुए चंदा एकत्र कर उन्हें भोजन कराया।
यहां बतादें कि मंगलवार सुबह आठ बजे रपटा पूरी तरह से पानी में डूब गया था और तीन फिट ऊपर बह रहा था जबकि शाम चार बजे के बाद रपटे पर पानी पांच फिट ऊपर हो गया। आवागमन ठप हो जाने के कारण बड़ी संख्या में मुसाफिर कस्बे में ही फंस गए थे। ऐसे में युवाओं ने सड़क किनारे ही सब्जी और पूड़ी बनाना शुरू कर दिया। सुबह 11 बजे से यात्रियों को खाना खिलाना शुरू किया और शाम पांच बजे तक भोजन कराने का दौर चलता रहा। युवाओं की मानें तो उन्होंने प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया था कि कस्बे में बड़ी तादाद में मुसाफिर फंस गए हैं। ऐसे में उनके खाने के लिए व्यवस्था की आवश्यकता है। प्रशासन की ओर से कोई सार्थक जवाब नहीं मिलने पर युवाओं ने खुद आगे आकर खाना खिलाने की जिम्मेदारी संभाल ली।
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