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ग्वालियर

महू के बाद पर्यटकों के लिए ग्वालियर में चलेगी हेरिटेज ट्रेन, यह है योजना

महू से पातालपानी हेरिटेज ट्रेन की तर्ज पर ग्वालियर की नैरोगेज भी घुमाएगी पर्यटकों को…।

ग्वालियरFeb 16, 2022 / 02:46 pm

Manish Gite

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ग्वालियर। मध्यप्रदेश में जल्द ही दो हेरिटेज ट्रेनें (heritage train) पर्यटकों को लुभाएगी। महू के बाद अब ग्वालियर की रियासतकालीन नैरोगेज के भी दिन फिरने वाले हैं। फिलहाल बंद हो चुकी सवा सौ साल पुरानी इस टेन को हेरिटेज ट्रेन के रूप में चलाने की कवायद शुरू हो गई है।

रियासतकालीन नैरोगेज ट्रेन को हेरिटेज ट्रेन बनाने की कवायद तेज हो गई है। इसे हेरिटेज ट्रेन बनाकर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के महू से पातालपानी और कालाकुंड के बीच चलने वाली मीटर गेज ट्रेन को भी हेरिटेज ट्रेन बनाया गया है। अंग्रेजों के जमाने के इस ट्रेन पर अब हर दिन पर्यटक यहां की खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाते हैं।

 

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नैरोगेज ट्रेन एक नजर

-सिंधिया रियासत काल में शुरू हुई नैरोगेज ट्रेन ग्वालियर से श्योपुर के बीच डेढ़ साल पहले बंद हो चुकी है।
-यह ट्रेन इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर नहीं रहेगी, बल्कि रेलवे नैरोगेज को हैरिटेज लुक में सिटी ट्रेन के तौर पर 8 किमी दायरे में चलाएगा।
तत्कालीन महाराजा माधोराव सिंधिया ने 1893 में सिंधिया स्टेट रेलवे की स्थापना की थी।
इसके बाद ग्वालियर शहर में नैरोगेज ट्रेन 1905 में शुरू हुई थी।
अब 116 साल पुरानी विरासत को बचाने के लिए पहल की जा रही है।
ग्वालियर से कंपू कोठी और मुरार के बीच यह ट्रेन चलाई गई थी।
तत्कालीन शासक माधौराव सिंधिया ने लाइट नैरोगेज ट्रेन चलाई थी।
यह ट्रेन लश्कर, मुरार और हजीरा तीनों उपनगरों को ग्वालियर से जोड़ती थी।
बाद में इसे श्योपुर तक बढ़ा दिया गया था।

 

महू में भी चलती है हेरिटेज ट्रेन

महू से पातालपानी-कालाकुंड तक चलने वाली हेरिटेज ट्रेन का 30 किमी का ट्रैक है। 1877 में रेलवे लाइन बिछाई गई थी। अंग्रेजों के जमाने के इसी ट्रेक पर टंट्या मामा भी यहां अंग्रेजों की ट्रेन को लूटकर उसका सामान गरीबों में बांट देते थे। इसका इतिहास बनाए रखने के लिए इस ट्रेन को पर्यटकों के लिए बनाए रखा है। पहले इसे बंद करने की योजना थी, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से इसे हेरिटेज ट्रेन के रूप में तब्दील कर दिया गया। अब यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं और चार घंटे इस खूबसूरत वातावरण में बिताते हैं।

 

सिंधिया ने लिखा रेल मंत्री को पत्र

सिंधिया रियासत के समय से चल रही नैरोगेज ट्रेन को संरक्षित करने की तैयारी है। सिंधिया ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जब तक ग्वालियर में प्रस्तावित हैरिटेज ट्रेन या मेट्रो ट्रेन के विषय में अंतिम निर्णय नहीं हो जाता तब तक उक्त कोचों को नीलाम न किया जाए और न ही ग्वालियर से रायरू तक ट्रेन को उखाड़ा जाए। सिंधिया ने कहा कि यदि इसे लेकर कोई सकारात्मक निर्णय होता है तो उक्त कोचों और रेल इंजन की जरूरत पड़ेगी। इसलिए इस नीलामी प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। सिंधिया ने आइआरसीटीसी या किसी अन्य संस्था के जरिए से नैरोगेज ट्रेन रूट पर पर्यटक ट्रेन चलाने की मांग की है।

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