scriptहाईकोर्ट ने शासन से पूछा-नया अग्नि सुरक्षा कानून कब तक लागू किया जाएगा | High court asks the government - how long will the new fire protection | Patrika News
ग्वालियर

हाईकोर्ट ने शासन से पूछा-नया अग्नि सुरक्षा कानून कब तक लागू किया जाएगा

शासन की ओर से कहा गया है कि मध्यप्रदेश फायर एण्ड इमरजेंसी सर्विसेस-2019 तैयार हो चुका है, इस कानून में अग्नि सुरक्षा तथा अन्य सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसे लागू करने के लिए सरकार के पास भेजा गया है।

ग्वालियरAug 20, 2019 / 01:23 am

Rahul rai

High court,

हाईकोर्ट ने शासन से पूछा-नया अग्नि सुरक्षा कानून कब तक लागू किया जाएगा

ग्वालियर। कोचिंग सेंटरों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने शासन से पूछा कि नया अग्नि सुरक्षा कानून कब तक लागू किया जाएगा। इसके जवाब में शासन की ओर से कहा गया है कि मध्यप्रदेश फायर एण्ड इमरजेंसी सर्विसेस-2019 तैयार हो चुका है, इस कानून में अग्नि सुरक्षा तथा अन्य सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसे लागू करने के लिए सरकार के पास भेजा गया है।
न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगपीठ के समक्ष कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है। इस पर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि नया कानून लागू होने के बाद इसे विभिन्न प्रकार के भवनों एवं परिसरों पर लागू किया जाएगा। गुजरात में कोचिंग सेंटर में हुए भीषण अग्निकांड के बाद राज्य शासन द्वारा छह जून 19 को सभी कलेक्टर, आयुक्त नगर निगम एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद के मुख्य अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए थे कि वे कोचिंग सेंटरों में बच्चों की सुरक्षा के उपायों की अभियान स्तर पर जांच करें। शासन द्वारा जवाब में कहा गया कि इस निर्देश के बाद कोचिंग सेंटरों में प्रशासन की टीम ने जांच की एवं कार्रवाई भी की है।
निगम को दंडात्मक कार्रवाई का अधिकार नहीं
निगम के अधिवक्ता दीपक खोत का कहना था कि नगर निगम के पास नगर पालिका अधिनियम के तहत अग्नि सुरक्षा को लेकर दंडात्मक कार्रवाई के लिए निगम को कोई अधिकार नहीं है। हाईराइज भवन तथा व्यावसायिक भवनों में अग्नि सहित अन्य सुरक्षा प्रबंधों को लेकर एनओसी जारी करने का अधिकार राज्य शासन को है। निगम की ओर से कहा गया कि उत्तरप्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों में अग्नि सुरक्षा को लेकर नियम बनाए गए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम द्वारा शहर के सभी कोचिंग सेंटर, व्यावसायिक भवन तथा निजी अस्पतालों की सूची प्रस्तुत की जा चुकी है। जिसमें 230 व्यावसायिक भवन, 175 अस्पताल तथा 375 कोचिग सेंटर हैं।
यह है याचिका में
उच्च न्यायालय में कोचिंग सेंटरों की बदहाल स्थिति को लेकर प्रस्तुत की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि अधिकांश कोचिंग सेंटरों द्वारा सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। कुछ कोचिंग सेंटर ऐसे हैं जहां प्रवेश द्वार ही खतरनाक है। कोई हादसा होता है तो यहां से बच्चों का निकलना भी मुश्किल होगा। कुछ सेंटरों में लोहे की सीढिय़ां हैं, जिनसे एक बार में एक ही बच्चा जीना चढ़ सकता है।

Home / Gwalior / हाईकोर्ट ने शासन से पूछा-नया अग्नि सुरक्षा कानून कब तक लागू किया जाएगा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो