निगम के अधिवक्ता दीपक खोत का कहना था कि नगर निगम के पास नगर पालिका अधिनियम के तहत अग्नि सुरक्षा को लेकर दंडात्मक कार्रवाई के लिए निगम को कोई अधिकार नहीं है। हाईराइज भवन तथा व्यावसायिक भवनों में अग्नि सहित अन्य सुरक्षा प्रबंधों को लेकर एनओसी जारी करने का अधिकार राज्य शासन को है। निगम की ओर से कहा गया कि उत्तरप्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों में अग्नि सुरक्षा को लेकर नियम बनाए गए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम द्वारा शहर के सभी कोचिंग सेंटर, व्यावसायिक भवन तथा निजी अस्पतालों की सूची प्रस्तुत की जा चुकी है। जिसमें 230 व्यावसायिक भवन, 175 अस्पताल तथा 375 कोचिग सेंटर हैं।
उच्च न्यायालय में कोचिंग सेंटरों की बदहाल स्थिति को लेकर प्रस्तुत की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि अधिकांश कोचिंग सेंटरों द्वारा सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। कुछ कोचिंग सेंटर ऐसे हैं जहां प्रवेश द्वार ही खतरनाक है। कोई हादसा होता है तो यहां से बच्चों का निकलना भी मुश्किल होगा। कुछ सेंटरों में लोहे की सीढिय़ां हैं, जिनसे एक बार में एक ही बच्चा जीना चढ़ सकता है।