scriptHIGH COURT GWALIOR: सहमति से बने संबंधों को बलात्कार नहीं माना जा सकता | high court gwalior order in rape case | Patrika News
ग्वालियर

HIGH COURT GWALIOR: सहमति से बने संबंधों को बलात्कार नहीं माना जा सकता

आरोपी के खिलाफ दर्ज बलात्कार की एफआईआर को किया खारिज, छह साल से दोनों थे प्रेम संबंध में शादी से किया इंकार तो कराई एफआईआर

ग्वालियरAug 05, 2019 / 10:28 pm

Gaurav Sen

high court gwalior order in rape case

HIGH COURT GWALIOR: सहमति से बने संबंधों को बलात्कार नहीं माना जा सकता

ग्वालियर। छह साल से चल रही रिलेशनशिप के बाद फोन करना बंद करने तथा शादी नहीं करने पर लगाए गए बलात्कार के आरोप को उच्च न्यायालय ने खारिज करते हुए कहा है कि सहमति से बनाए गए संबंधों को बलात्कार नहीं माना जा सकर्ता। न्यायालय ने आरोपी को उसके खिलाफ चल रहे बलात्कार के मुकदमे से मुक्त कर दिया।

न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने आरोपी दीपक तिवारी द्वारा उसके खिलाफ बलात्कार के मामले में दर्ज एफआईआर को खारिज करने के लिए एडवोकेट रवि बल्लभ त्रिपाठी के माध्यम से प्रस्तुत याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पीडि़ता जो कि वयस्क थी और वह आरोपी के साथ रिश्ते परिणति को न जानती हो इसे नहीं माना जा सकता। छह साल की अवधि रिलेशनशिप के लिए बड़ी अवधि होती है। यदि उसे आरोपी की मंशा पर शंका थी तो वह पहले इसका विरोध कर सकती थी।

लेकिन उसने एेसा नहीं किया इसलिए उसकी सहमति को बलात्कार नहीं माना जा सकता। इस मामले में यह भी प्रकट नहीं होता है कि पीडि़ता द्वारा भय के कारण सहमति दी गई हो। आरोपी की ओर से एडवोकेट रवि बल्लभ त्रिपाठी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के जो न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत किए गए थे उन्हें देखने के बाद उच्च न्यायालय ने आरोपी के आवेदन को स्वीकार कर लिया। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता का कहना था कि आरोपी ने पीडि़ता का शारीरिक शोषण किया है इसलिए आरोपी की याचिका को खारिज किया जाए।

यह भी पढ़ें

चौथी बार कायाकल्प पुरस्कार पाने वाले जिला अस्पताल के गद्दों में रेंगते मिले कीड़े



न्यायालय ने इस तथ्य को नामंजूर कर दिया। पीडि़ता देती थी युवक को धमकी आरोपी दीपक तिवारी द्वारा उसके खिलाफ दर्ज दीपक तिवारी ने उच्च न्यायालय ने एडवोकेट रवि बल्लभ त्रिपाठी के माध्यम से याचिका प्रस्तुत कर कहा कि उसके खिलाफ कोतवाली शिवपुरी में बलात्कार के अपराध में मामला पंजीबद्ध किया गया तथा ट्रायल कोर्ट ने उसके खिलाफ आरोप तय कर दिए।

यह भी पढ़ें

बिना नंबर की बाइक और कंधे पर बंदूक, सीएसपी ने यूं निकाली हेकड़ी



याचिका में आरोपी का कहना था कि जिस युवती ने उसके खिलाफ बलात्कार का आरेाप लगाया है, उसके साथ वर्ष 2011 से मित्रता थी। वर्ष 2012 के बाद वे निकट आए और उनकी निकटता छह साल तक रही। इसके बाद जब युवती ने युवक पर शादी के लिए दबाव डालना शुरु किया। तो आरोपी ने फोन करना बंद कर दिया। युवती आरोपी से पांच साल बड़ी है। युवक का कहना था कि पारिवारिक कारणों से वह अभी शादी नहीं कर सकता है। लेकिन युवती ने उसे धमकी दी फिर उसके खिलाफ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करा दी।

Home / Gwalior / HIGH COURT GWALIOR: सहमति से बने संबंधों को बलात्कार नहीं माना जा सकता

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो