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ग्वालियर

यहां बना है देश का इकलौता हिन्दी माता का मंदिर, UN में हिन्दी में भाषण देने वाले अटल जी की भी होती है पूजा

आज 14सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जा रहा है। आज ही के दिन 1949 में देवनागरी लिपी में हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था।

ग्वालियरSep 14, 2017 / 01:41 pm

shyamendra parihar

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ग्वालियर। आज 14 सितंबर को पूरे देश में हिन्दी दिवस मनाया जा रहा है। आज ही के दिन 1949 में देवनागरी लिपी में हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। तभी से ये दिन मनाया जा रहा है। हिन्दी दिवस के मौके पर हम आपको देश के इकलौते हिन्दी माता के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जी हां हिन्दी माता का मंदिर। आपने ठीक सुना।
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मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हिन्दी माता का मंदिर है। माता का मंदिर स्थानीय एडवोकेट विजय सिंह चौहान द्वारा स्थापित किया गया है। मंदिर में रोज हिन्दी माता और हिन्दी के प्रख्यात कवियों में शुमार अटल बिहारी वाजपेयी की पूजा की जाती है।
शहर के सत्यनारायण टेकरी पर हिन्दी माता का मंदिर बना हुआ है। जहां माता देवी रूप में विराजमान है और उनकी रोज विधि विधान से पूजा की जाती है। मंदिर लोगों ने चर्चा का विषय है और यहां आने वाले इस मंदिर को देखने के लिए जरूर जाते हैं। हिन्दी दिवस पर तो यहां विशेष पूजा का आयोजन भी किया जाता है।
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यूएन में हिन्दी में भाषण देने के अटल जी का भी बना मंदिर
1995 में यूएन में हिन्दी में भाषण देकर अटल जी ने पूरे विश्व में हिंदी का मान बढ़ाया। यही नहीं अटल जी ने सदैव हिंदी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। चाहे वो ग्वालियर में बने हिंदी भवन को लेकर उनका योगदान हो, या फिर अपनी कविताओं से करोड़ो युवाओं को हिंदी के लिए प्रेरित करना। इस बात को लेकर विजय सिंह चौहान ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का मंदिर हिन्दी माता के मंदिर के पास बनवाया।
ग्वालियर में हिन्दी भवन है अटल जी का सपना
राजनीति के भद्रपुरुष कहे जाने वाले पूर्व पीएम और ग्वालियर के लाड़ले हिन्दी के सदैव जीने वाले लोगों में से हैं। अटल जी का सपना है कि ग्वालियर में हिन्दी भवन का निर्माण हो और उनका शहर हिन्दी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छुए। हिन्दी भवन के अपने सपने को लेकर वे इतने गंभीर ये है कि निर्माण कार्य में हो रही देरी को लेकर एक बार उन्होंने कहा था कि मेरी मौत के बाद बनेगा क्या हिन्दी भवन।
तैयार कराया विश्व का पहला हिंदी माता मंदिर
पे शे से वकील विजय सिंह चौहान ने हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए बहुत काम किया। उन्होंने 20 साल पहले राष्ट्रपति भवन तक रथ यात्रा निकाली। सन् 1995 में विश्व का पहला हिंदी माता मंदिर बनवाया। देशभर में 50 से अधिक हिंदी सम्मेलन कराए व 2100हिंदी सेवियों को सम्मान कराया। हस्ताक्षर अभियान चलाकर एक लाख हिंदी प्रेमियों को जोड़कर राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया। ग्वालियर हाईकोर्ट में 80 परसेंट हिंदी का चलन इन्हीं के द्वारा कराया गया।
– विजय सिंह चौहान, अध्यक्ष, अभिभाषक मंच

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