दरअसल, आखिरी चरण की वोटिंग के दिन यानी रविवार के दिन हिंदू महसभा ने ग्वालियर के दौलतगंज स्थित कार्यालय में जयंती मनाई। इस दौरान उनलोगों ने गोडसे की तस्वीर पर माला चढ़ाई और आरती उतारी। फिर वहां मौजूद लोगों ने आपस में मिठाई बांटी। इस दौरान हिंदू महासभा के लोग वहां नारेबाजी भी करते रहे।
हिंदू महासभा के पदाधिकारी जयवीर भारद्वाज ने कहा कि यहां पहले गोडसे की मूर्ति भी लगाई थी लेकिन बाद में जिला प्रशासन ने उसे यहां से हटा दिया था। उन्होंने यहां यह भी कहा कि अगर इस साल के अंत में यहां गोडसे की मूर्ति नहीं लगी तो हमलोग 15 नवंबर 2019 को यहां गोडसे की मूर्ति स्थापित करेंगे।
उनलोगों ने कहा कि हमलोग यहां राष्ट्रभक्त को पूज रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा समूह उन्हें देशभक्त मानती है। लेकिन दूसरा धड़ा उन्हें अपमानित करने का काम करती है। जयवीर ने कहा कि गोडसे ने जो किया वो देश के विभाजन के खिलाफ था।
गौरतलब है कि ये विवाद तमिलनाडु में कमलहासन के बयान के बाद शुरू हुआ है। उन्होंने कहा था कि आजाद भारत का पहला आतंकी हिंदू था। जिसने गांधी जी की हत्या की। उसके बाद से इस पर विवाद शुरू हो गया।
फिर भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने कह दिया कि गोडसे देशभक्त थे, हैं औऱ रहेंगे। साध्वी का साथ बीजेपी के दो अऩ्य नेताओं ने दिया। जिनमें मंत्री अनंत कुमार हेगड़े भी शामिल थे। बाद में सभी लोगों ने बयान के वापस लेते हुए माफी मांग ली।