सूनी सडक़ पर शराबखोरी
सिटी सेंटर निवासी अरुण कुशवाह कहते हैं कि सबको पता है शाम ढलने पर पॉश इलाके में चार पहिया वाहनों में शराबखोरी होती है। सुरुर चढऩे पर यही नशाखोर अंधाधुंध वाहन चलाकर एक्सीडेंट करते हैं। पुलिस सडक़ किनारे खड़े ऐसे वाहनों में शराबखोरी को पकड़े तो हादसों का ग्राफ कम हो सकता है। इसके अलावा शाम को ट्रैफिक पुलिस की डयूटी खत्म होने के बाद रात तक चहल पहल वाले इलाकों में चेकिंग प्वॉइंट लगाए जाएं तो नशा और हाई स्पीड ड्राइविंग करने वालों पर नकेल कसेगी।
पुलिस रिकॉर्ड में पिछले करीब 36 दिन में एक्सीडेंट की ज्यादातर घटनाएं रात के वक्त हुई हैं। रात को शहर के मुख्य मार्गों से पुलिस लगभग नदारत रहती है। इसके बाद शुरू होता है नशा और रफ्तार का खेल। नशे में वाहन चालक शहर की सडक़ों से तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाते हैं। इस बीच अगर उनके सामने कोई आ जाए तो वह उनका शिकार बन जाता है। पुलिस गिने चुने दिनों में ही ब्रीथ एनालाइजर और स्पीडोमीटर के साथ घेराबंदी करती है। जबकि उसे भी पता है कि गांधी रोड, रेसकोर्स रोड, सिटी सेंटर, सचिन तेंदुलकर मार्ग, एजी ऑफिस रोड़, चेतकपुरी रोड पर रात के वक्त नशे में गाडिय़ां दौड़ाना शगल बन चुका है।
तेज स्पीड और नशे में वाहन ड्राइव करने वालों की औचक घेराबंदी होती है। ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई के अलावा उनके लाइसेंस निरस्त करने के लिए परिवहन विभाग को भी लिखा जाता है।
विक्रम सिंह, कनपुरिया डीएसपी ट्रैफिक