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ग्वालियर

नशे में खो रहे होश जानिए कैसे

हाईस्पीड, नशे में ड्राइविंग का शौक पिछले 36 दिन में 17 लोगों की जान ले चुका है। पांच राहगीरों को अनकंट्रोल स्पीड में गाड़ी चलाने वालों ने शहर में कुचला है। पिछले 10 दिन में तीन एक्सीडेंट तो एसपी ऑफिस, ट्रैफिक थाने के पास हुए हैं

ग्वालियरSep 06, 2018 / 07:58 pm

Avdhesh Shrivastava

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ग्वालियर. हाईस्पीड, नशे में ड्राइविंग का शौक पिछले 36 दिन में १७ लोगों की जान ले चुका है। पांच राहगीरों को अनकंट्रोल स्पीड में गाड़ी चलाने वालों ने शहर में कुचला है। पिछले 10 दिन में तीन एक्सीडेंट तो एसपी ऑफिस, ट्रैफिक थाने के पास हुए हैं। मंगलवार को इस पॉश इलाके में बेकाबू कार ने सडक़ से करीब 15 फीट दूर फुटपाथ पर रमेश गौड़ उसके जीजा गोवर्धन सहित सांड को कुचला था। कार की सीधी टक्कर से रमेश की वहीं मौत हो गई थी, जबकि गोवर्धन ने करीब 19 घंटे बाद दम तोड़ दिया। अब फुटपाथ भी राहगीरों के लिए सुरक्षित नहीं हैं वहां भी नशेबाजों के वाहन घुसकर जान ले सकते हैं। घटना से लोग सहमे हैं जबकि हाल में पुलिस ने दंभ भरा था कि अब टै्रफिक रूल्स तोडऩे वालों की सर्विलांस कंट्रोल रूम घेराबंदी करेगा लेकिन दावा कमजोर साबित हो रहा है। रफ ड्राइविंग से लोगों की जान लेने वालों पर कंट्रोल के लिए उसके पास कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं है।

सूनी सडक़ पर शराबखोरी
सिटी सेंटर निवासी अरुण कुशवाह कहते हैं कि सबको पता है शाम ढलने पर पॉश इलाके में चार पहिया वाहनों में शराबखोरी होती है। सुरुर चढऩे पर यही नशाखोर अंधाधुंध वाहन चलाकर एक्सीडेंट करते हैं। पुलिस सडक़ किनारे खड़े ऐसे वाहनों में शराबखोरी को पकड़े तो हादसों का ग्राफ कम हो सकता है। इसके अलावा शाम को ट्रैफिक पुलिस की डयूटी खत्म होने के बाद रात तक चहल पहल वाले इलाकों में चेकिंग प्वॉइंट लगाए जाएं तो नशा और हाई स्पीड ड्राइविंग करने वालों पर नकेल कसेगी।
रात में पुलिस के गायब होते ही बढ़ जाती है रफ्तार
पुलिस रिकॉर्ड में पिछले करीब 36 दिन में एक्सीडेंट की ज्यादातर घटनाएं रात के वक्त हुई हैं। रात को शहर के मुख्य मार्गों से पुलिस लगभग नदारत रहती है। इसके बाद शुरू होता है नशा और रफ्तार का खेल। नशे में वाहन चालक शहर की सडक़ों से तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाते हैं। इस बीच अगर उनके सामने कोई आ जाए तो वह उनका शिकार बन जाता है। पुलिस गिने चुने दिनों में ही ब्रीथ एनालाइजर और स्पीडोमीटर के साथ घेराबंदी करती है। जबकि उसे भी पता है कि गांधी रोड, रेसकोर्स रोड, सिटी सेंटर, सचिन तेंदुलकर मार्ग, एजी ऑफिस रोड़, चेतकपुरी रोड पर रात के वक्त नशे में गाडिय़ां दौड़ाना शगल बन चुका है।
लेकिन फिर भी वाहनों की रफ्तार पर कंट्रोल की कवायद नहीं की जाती।

औचक घेरते हैं
तेज स्पीड और नशे में वाहन ड्राइव करने वालों की औचक घेराबंदी होती है। ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई के अलावा उनके लाइसेंस निरस्त करने के लिए परिवहन विभाग को भी लिखा जाता है।
विक्रम सिंह, कनपुरिया डीएसपी ट्रैफिक

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