बरसात ने सडक़ों की गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी है, इसके बावजूद नगर निगम के अफसरों ने सडक़ों की कोई सुध नहीं ली है। यह हालात तब हैं जब उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया अफसरों को कार्रवाई करने की हिदायत दे चुके हैं, बावजूद इसके शहर की सडक़ों पर काम होते दिखाई नहीं दे रहा है। सडक़ों के गड्ढों को लेकर मछली पकडऩे का प्रदर्शन कर अपना विरोध जता चुकी है, फिर भी शहर के लोगों का दर्द कम करने कोई आगे नहीं आ रहा है।
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चेतपुरी रोड के भी हालात खराब हैं, जबकि यह कॉलोनी भी शहर की पॉश कॉलोनियों में शामिल है। इसके बावजूद लोगों का यहां से निकलना भी मुश्किल हो गया है।
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बसंत विहार के मोड़ पर सडक़ उखड़ जाने से लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है, जबकि यह शहर की सबसे पॉश कॉलोनियों में शामिल है।
भ्रष्टाचार की सडक़ें
जो सडक़ें उखड़ी हैं, उनमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है। २० से ३० प्रतिशत ब्लो रेट पर सडक़ें बनाने का ठेका हो जाता है। इंजीनियर ठेकेदार से मिलकर बिलों का भुगतान करा देते हैं। गारंटी अवधि में सडक़ों के टूटने पर उनकी मरम्मत नहीं कराई जाती, गारंटी खत्म होते ही फिर से सडक़ बनाने का टेंडर लग जाता है। यह पूरा रैकेट सडक़ बनाने वाले कुछ ठेकेदार और निगम अफसरों के बीच चल रहा है।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
कराएंगे जांच
जितनी भी सडक़ें गारंटी खत्म होते ही उखड़ी हैं, उनके टेंडर की कार्रवाई की गई है। एेसे सभी मामलों की जांच कराई जाएगी। लोगों को सडक़ पर चलने में परेशानी न हो, इसके लिए हम अफसरों से जवाब मांगेंगे।
धर्मेंद्र राणा, जनकार्य प्रभारी, नगर निगम