शनिवार को मोतीमहल के मान सभागार में सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों की बैठक ली थी। बैठक में सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक एम के अग्रवाल, कलेक्टर अनुराग चौधरी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा, एपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक सहित सहकारिता विभाग एवं सहकारी बैंक के अधिकारी मौजूद थे।
जिपं सीईओ को बनाया प्रशासक
मंत्री ने जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित का प्रशासक नियुक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने सहकारिता माफि या के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रशासक से कहा है कि जिन ग्रह निर्माण समितियों के पदाधिकारियों ने सदस्यों से धनराशि लेने के बाद भी प्लॉट नहीं दिए हैं, उन पर भी एफआईआर कराई जाए। सहकारी बैंक का डिपोजिट बढाया जाए।
समितियों का होगा सत्यापन
-मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जितनी भी ग्रह निर्माण सहकारी संस्थाएं हैं, उन सभी का भौतिक सत्यापन कराया जाए।
-सत्यापन के दौरान संस्थाओं की जमीन जरूर देखी जाए।
-समितियों के कितने सदस्यों को प्लॉट मिल गए हैं और कितने सदस्य बाकी है, यह भी देखा जाए।
-यदि किसी संस्था का कोई विवाद है तो उसका निराकरण कराकर सदस्यों को प्लाट दिए जाएं।
-ग्रह निर्माण संस्थाओं में विकास के नाम पर हुए खर्च की भी जांच की जाए, फर्जी खर्च सामने आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। सभी संस्थाओं का ऑडिट भी कराया जाए।
-सत्यापन के काम में सहकारिता विभाग, नगर निगम, जीडीए सहित अन्य संबंधित संस्थाएं आपसी समन्वय के साथ ही काम करें।
सात दिन बाद फिर समीक्षा
संभाग स्तरीय समीक्षा होने के बाद भी उपायुक्त सहकारिता ग्वालियर बैठक में नहीं आए। न तो उन्होंने छुट्टी का आवेदन किया था और न ही विभागीय अधिकारियों को अनुपस्थित रहने की जानकारी दी थी। बाद में कुछ अधिकारियों ने बताया कि उनकी पत्नी की तबियत खराब हो गई थी, इस वजह से वे नहीं आ पाए हैं। इसके बाद मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे मुख्यालय पर नहीं आए तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। बैठक में आए बिंदुओं की समीक्षा सात दिन बाद ऊिर से की जाएगी।
कर्मचारियों को दो मासिक लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि ग्वालियर एवं चंबल दोनो संभाग में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के डिपोजिट बढ़ाने का प्रयास किया जाए। ज्यादा से ज्यादा लोगों के सहकारी बैंकों में एकाउंट खुलवाए जाएं। इसके लिए प्रत्येक सहकारी बैंक के कर्मचारियों को और प्रत्येक सोसायटी को मासिक लक्ष्य दिया जाए। मंत्री ने कहा अगर कर्मचारी लक्ष्य पूरा नहीं करें तो कार्रवाई की जाए। सभी बैंकों के महाप्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि ऋण वितरण का काम बेहतर तरीके से किया जाए और ऋण माफी भी निर्देश के अनुसार की जाए। इसके अलावा सामान्य ऋण वसूली भी की जाए। दतिया के महाप्रबंधक को चेतावनी देते हुए मंत्री ने कहा है कि एक सप्ताह में काम नहीं सुधरा तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।