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ग्वालियर

55 स्थानों पर संभल जाएं तो महिलाएं समझने लगेंगी खुद को सुरक्षित

शहर के 50 और अंचल में 5 स्थानों को महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित माना गया है। तीनों उपनगरों से महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर ये हॉट स्पॉट चुने…

ग्वालियरFeb 08, 2021 / 07:28 pm

रिज़वान खान

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55 स्थानों पर संभल जाएं तो महिलाएं समझने लगेंगी खुद को सुरक्षित

ग्वालियर. शहर के 50 और अंचल में 5 स्थानों को महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित माना गया है। तीनों उपनगरों से महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर ये हॉट स्पॉट चुने गए हैं। सेफसिटी कार्यक्रम के अंतर्गत पुलिस द्वारा भेजी गई इस रिपोर्ट से पता चलता है कि हमारा शहर बालिका, युवती, महिला यहां तक कि प्रौढ़ महिलाओं के लिए भी असुरक्षित है। महिला बाल विकास के आंकड़ों पर भी गौर करें तो अभी तक 1224 डीआइआर दर्ज होने के बाद न्यायालय में पेश हो चुकी है। इस हिसाब से बीते वर्षों में हर महीने औसतन 30 महिलाओं को किसी न किसी तरह से प्रताडऩा का शिकार होना पड़ा है।
इस तरह के मामलों को लेकर रिसर्च कर रहे शोधार्थियों का कहना है कि करीब 42 प्रतिशत बालिकाएं ही आठवीं कक्षा तक पढ़ाई कर पाती हैं, इनके स्कूल छोडऩे के अन्य कारणों के अलावा बड़ा कारण माता-पिता का भय भी होता है। लगातार हो रहीं घटनाओं से खराब हो रही शहर की इमेज को सुधारने के लिए शासन ने सेफसिटी कार्यक्रम शुरू किया है, लेकिन इसमें अधिकतम फोकस विज्ञापन, कार्यशालाएं और अन्य संसाधनों पर है, जबकि फील्ड में काम करने के वास्तविक तरीकों पर ध्यान ही नहीं दिया गया है। ऐसे में अगर सरकारी विभागों के भरोसे न रहकर शहर के युवक-युवतियां स्वयं असुरक्षित स्थानों पर आगे आकर महिला सुरक्षा की कमान संभालें तो इसके परिणाम बेहतर हो सकते हैं।

आगे आएं युवा तब सुधरेगी शहर की इमेज
– सार्वजनिक स्थलों पर सबसे ज्यादा छेड़छाड़ का शिकार 13 वर्ष की बालिकाओं से लेकर 35 वर्ष तक महिलाओं और युवतियों को होना पड़ता है।
– छात्र-छात्राएं, पढ़ाई पूरी कर चुके युवा, नौकरी पेशा युवा सरकारी अधिकारियों की राह देखने की बजाय स्वयं आगे आकर टीजिंग के विरोध में काम कर सकते हैं।
– कोचिंग संस्थान, कॉलेज, बाजारों में घटना पर नजर पड़ते ही आगे आकर गलत करने की कोशिश करने वालों को सबक सिखाने का प्रयास कर सकते हैं।
– महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर बनाने के लिए युवा प्रिवेंशन और क्योर दोनों ही माध्यम पर काम कर सकते हैं।
ये हैं शहर के हॉट-स्पॉट
– लश्कर : कोतवाली थाना क्षेत्र में महाराजबाड़ा, सराफा बाजार, गजराराजा गल्र्स हायर सेकंडरी स्कूल, जनकगंज थाना क्षेत्र में गोल पहाडिय़ा, संजय नगर, लक्ष्मीगंज, गिरवाई थाना क्षेत्र में गड्ढे वाला मोहल्ला, माधौगंज थाना क्षेत्र में गुढ़ावीर, आपागंज, गंजीवाला मोहल्ला, लक्कडख़ाना, इंदरगंज थाना क्षेत्र में फालका बाजार, गेंडेवाली सड़क, कंपू थाना क्षेत्र में आमखो, कैंसर पहाडिय़ा, अवाड़पुरा, झांसी रोड थाना क्षेत्र में कैंसर पहाडिय़ा और चंद्रवदनी नाका को महिलाओं और छात्राओं के लिए असुरक्षित माना गया है।
– ग्वालियर : महिला थाना और पड़ाव थाना क्षेत्र में रेलवे स्टेशन, लक्ष्मणपुरा, मरीमाता महलगांव, एमएलबी कॉलोनी, फूलबाग, हजीरा थाना क्षेत्र में गदाईपुरा, इंद्रानगर, ग्वालियर थाना क्षेत्र में घासमंडी, लधेड़ी, बहोड़ापुर थाना क्षेत्र में इंद्रा कॉलोनी, पंचशील नगर को महिलाओं के लिए असुरक्षित माना गया है।
– मुरार : महराजपुरा थाना क्षेत्र में महाराजपुरा कॉम्प्लेक्स, खेल मैदान डीडीनगर, ग्लोरी विला शताब्दीपुरम, मुरार थाना क्षेत्र में तिकोनिया पार्क, मुरार हॉस्पिटल, घासमंडी, गोला का मंदिर थाना क्षेत्र में आदर्श कॉलोनी, नारायण विहार, थाटीपुर थाना क्षेत्र में भीमनगर, मयूर मार्केट, न्यू आनंद नगर, सुरेश नगर, विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में महलगांव, सिंधिया नगर, सिरोल थाना क्षेत्र में हुरावली तिराहा, ग्राम हरीखेड़ा को महिलाओं को असुरक्षित माना गया है।
– तिघरा : इस क्षेत्र के ग्राम कुलैथ को महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित माना गया है।

अंचल की यह है स्थिति
डबरा थाना क्षेत्र में महावीरपुरा और हनुमान डांडा, भितरवार थाना क्षेत्र में कस्बे के वार्ड 14, करहिया थाना क्षेत्र का करहिया ग्राम, बिजौली थाना क्षेत्र के रतवाई गांव मेंं हो रही नई बसाहट को सबसे ज्यादा असुरक्षित माना गया है।
हॉट-स्पॉट चुनने का आधार
सेफसिटी कार्यक्रम के अंतर्गत महिला अपराध, छेड़छाड़ की संभावना वाले क्षेत्रों का चिह्नांकन किया गया है। इसमें उन क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जहां से सबसे ज्यादा कॉल डायल 100 पर आते हैं या महिला हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज होती हैं। क्षेत्रों को चिन्हित करने के लिए बीते तीन साल का डेटा को आधार बनाया गया है।

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