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ग्वालियर

वीआइपी नंबर खरीदने में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे नंबर पर

प्रदेश में वाहनों के वीआइपीई नंबर खरीदने में इंदौर के लोग सबसे ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर भोपाल, ग्वालियर तीसरे और जबलपुर चौथे स्थान पर…

ग्वालियरMay 21, 2023 / 10:22 pm

रिज़वान खान

vip numbers plate

वीआइपी नंबर खरीदने में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे नंबर पर

– 9 महीने में प्रदेश में 3978 वीआइपी नंबर बिके, सात करोड़ से ज्यादा का मिला राजस्व

राहुल गंगवार
ग्वालियर. प्रदेश में वाहनों के वीआइपीई नंबर खरीदने में इंदौर के लोग सबसे ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर भोपाल, ग्वालियर तीसरे और जबलपुर चौथे स्थान पर है। मप्र परिवहन विभाग ने एक अगस्त-2022 से मप्र में वीआइपी नंबर की सीरीज की नीलाम शुरू की थी। करीब 9 माह में प्रदेश में 3978 वीआइपी नंबर नीलाम हुए और परिवहन विभाग को 7,44,2500 रुपए का राजस्व हासिल हुआ। इंदौर में सबसे ज्यादा 1699 वीआइपी नंबर नीलाम हुए, जबकि राजगढ़ में अब तक सिर्फ एक वीआइपी नंबर नीलाम हुआ। इन नंबरों को हासिल करने के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट पर लोगों ने नीलामी भी बोली लगाई। सबसे ज्यादा पंसदीदा नंबरों में 0007, 0001, 5555 आदि शामिल हैं।

ऐसे चुन सकेंगे वीआइपी नंबर
0007, 0001, 1111 जैसे नंबरों को फैंसी नंबर कहा जाता है। कार या बाइक के लिए मनचाहा नंबर पाने के लिए परिवहन विभाग की साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद वीआइपी नंबर्स की बोली लगती है। अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग नबंर्स के विकल्प दिए जाते हैं। नंबर के अनुसार परिवहन विभाग को पैसा चुकाना होता है। कार या बाइक का नंबर जितना फैंसी होता है, उसकी कीमत उतनी ज्यादा होती है। यदि एक नंबर के लिए ज्यादा लोग आवेदन करते हैं तो फिर ऑनलाइन बोली लगती है।
7 करोड़ से अधिक मिला राजस्व
– वीआइपी नंबरों को लेने के लिए प्रदेश में वाहन मालिकों में रुचि बढ़ी है। कई नंबर ऐसे हैं जिनको नीलामी के लिए ऑन लाइन बोली भी लगाई गई है। नंबर के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है। प्रदेश में करीब 9 महीने में सात करोड़ से अधिक का राजस्व इन वीआइपी नंबरों की नीलामी से हासिल हुआ है। आगे भी बेहतर राजस्व हासिल होने की संभावना है। पिछले वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा राजस्व हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया था।
– अरविंद कुमार सक्सेना, अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन, मप्र शासन
अब कितने नीलाम हुए नंबर…

जिला—- नंबर—- राजस्व
इंदौर—-1669—-30913000
भोपाल—-516—-10581500
ग्वालियर—-347—-7163000
जबलपुर—-325—-6185000
छिंदवाड़ा—-97—-1772000
उज्जैन—-99—-1503500
सतना—-64—-1262000
सागर—-79—-1195500
कटनी—-37—-935000
रतलाम—-54—-911500
रीवा—-41—-695000
खंडवा—-48—-661000
नीमच—-33—-660000
खरगोन—-46—-634000
बालाघाट—-36—-617000
होसंगाबाद—-28—-541000
मंदसौर—-27—-492000
सिंगरोली—-31—-488000
नरसिंहपुर—-31—-465000
शहडोल—-27—-457000
छतरपुर—-21—-423000
सिवनी—-22—-402000
दमोह—-25—-378000
देवास—-21—-375000
बुरहानपुर—-18—-369000
धार—-29—-359000
सीधी—-23—-359000
श्योपुर—-11—-342000
मुरैना—-18—-322000
शाजापुर—-11—-312000
बैतूल—-19—-281000
बड़वानी—-20—-276500
शिवपुरी—-08—-235000
भिंड—-09—-220000
सीहोर—-06—-195500
विदिशा—-07—-180000
मंडला—-11—-160000
झाबुआ—-12—-155000
गुना—-07—-150000
हरदा—-08—-131000
आगर—-03—-130000
अशोकनगर—-05—-97000
पन्ना—-06—-90000
अनूपपुर—-05—-85000
टीकमगढ़—-02—-70000
डिंडोरी—-05—-49000
रायसेन—-02—-46000
उमरिया—-03—-45000
दतिया—-02—-22000
अलीराजपुर—-03—-19000
राजगढ़—-01—-15000
कुल योग—-3978—-74425000

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