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कोलुआ में श्रीराम कथा कहने आए राष्ट्रीय संत रामभद्राचार्य ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि संत अनुशासक बन सकता है, किसी पद पर आसीन नहीं होना चाहिए। जो अन्याय, अनाचार कर रहे हैं, वे साधु-संत नहीं हैं। हमने आशाराम को कभी संत नहीं स्वीकारा। अध्योध्या के संत नृत्यगोपालदास द्वारा आशाराम की सजा को गलत बताने के बयान को भी उन्होंने गलत बताया। उन्होंने कहा कि कथाओं में अब नाचना-गाना अधिक हो गया है।
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केवट का चरित्र लोग जनता को समझा नहीं पाए। कथा अब कोई कह ही नहीं रहा। तरीके से रामकथा कही जाए, सबको पूर्वजों के प्रति आदर हो जाएगा, राष्ट्र के प्रति समर्पण हो जाएगा। उन्होंंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना, बैंक खाते खोलने और विद्युतीकरण की योजनाओं की तारीफ की। किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को भी अच्छा बताया। जगद्गुरु ने कहा कि नई पीढ़ी अपने जीवन में बचपन को प्रबुद्ध करो, यौवन को युद्ध करो और बुढ़ापे को सिद्ध करो, फार्मूले पर काम करना चाहिए। मीडिया को राष्ट्र को देवता मानकर काम करना चाहिए। जन-जन तक राष्ट्रवाद पहुंचाने में मीडिया का बड़ा योगदान हो सकता है।
6 दिसंबर 2018 तक बन जाएगा राम मंदिर : जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा है कि छह दिसंबर 2018८ तक राममंदिर बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सारी तैयारियां पूर्ण हैं। पत्थर तराशे जा चुके हैं, ले आउट तैयार है। तीन महीने में मंदिर तैयार हो जाएगा।उन्होंने भगवा आतंकवाद शब्द को भी सिरे से खारिज कर दिया।