गुरुवार को निरीक्षण करने पहुंचे संभागीय आयुक्त शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि जयारोग्य चिकित्सालय में मरीजों के आने जाने के लिए चार द्वार हैं, इनका उपयोग इस प्रकार हो कि मरीजों को आने और जाने के लिए अलग-अलग मार्ग रहें, जिससे किसी को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि अस्पताल में ओपीडी और मेडिकल कॉलेज की ओर दो महत्वपूर्ण द्वार हैं, इसलिए वाहनों के लिए पार्किंग के प्लान में भी इसे ध्यान में रखा जाए।
उन्होंने पार्किंग में वाहनों को देखने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि यहां बेरिकेडिंग इस प्रकार से की जाए कि पैदल आने-जाने वाले लोगों को कोई समस्या न हो, जबकि गाडिय़ां व्यवस्थित तरीके से ही अस्पताल में पहुंचे।
ओपीडी मरीजों के लिए लगेंगी कुर्सियां
संभाग आयुक्त ने इस दौरान कहा कि ओपीडी में आने वाले मरीजों के बैठने के लिए कुर्सियां लगवाई जाएं तथा मरीजों के लिए स्ट्रेचर भी तत्काल उपलब्ध रहे, जिससे किसी को भर्ती करने के लिए ले जाने में कोई समस्या न आए। उन्होंने इंसेटिव केयर यूनिट एवं प्राइवेट वार्ड भी देखा और अधिकारियों को समुचित सफाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
लापरवाही नहीं दिखे, मरीजों को सही इलाज मिले
उन्होंने कहा कि काम में लापरवाही नहीं दिखनी चाहिए। मरीजों को समय पर सही इलाज मिलना चाहिए। प्राइवेट वार्ड में संचालित विभिन्न इकाइयों को एकीकृत करने की जो योजना है, उस पर प्रभावी काम करें ओर जल्द प्रस्ताव भेजें। स्टाफ अपनी ड्यूटी के अनुसार तैनात रहें और इसकी मॉनिटरिंग भी नियमित हो।