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ग्वालियर

बिना आकुलता से करोगे प्रभू की आराधना, तो मिलेगा मोक्ष

– मुरार स्थित जैन मंदिर में जैन मुनि विहसंत सागर ने कहा

ग्वालियरNov 25, 2019 / 11:43 pm

Narendra Kuiya

बिना आकुलता से करोगे प्रभू की आराधना, तो मिलेगा मोक्ष

बिना आकुलता से करोगे प्रभू की आराधना, तो मिलेगा मोक्ष

ग्वालियर. संसार में यह जीवन लाखों योनियों में भटकता है, अनन्त कष्टों को सहन करने के बाद जब हमारा पुण्य प्रबल होता है तब हमें यह मनुष्य का जीवन मिलता है और हम सांसारिक विषय भोगों में इस दुर्लभ जीवन को व्यर्थ कर देते है। भगवन्तों की वाणी में कहा गया है कि मोक्ष जब भी मिलेगा तो मनुष्य जीवन से ही मिलेगा। तुम जब भी साधना करो तो बिना आकुलता के करो, क्योंकि आकुलता और व्याकुलता के साथ प्रभू की साधना और आराधना नहीं होती। यह बात सोमवार को जैन मुनि विहसंत सागर महाराज ने मुरार जैन मंदिर में कही। इस मौके पर जैन मुनि अविचल सागर और सूर्य सागर महाराज भी मौजूद थे।
एकाग्रता से करो प्रभू की भक्ति
प्रभू की वाणी जिसको जैन दर्शन में जिनवाणी कहा जाता है वह हमें भक्त से भगवान बनने की कला सिखाती है। बस हमें जिनवाणी को मात्र पढऩा ही नही बल्कि अपने जीवन में उतारना होगा। भगवान जिनेन्द्र की एकाग्रता से भक्ति करोगे तो उस भक्ति की अनन्त से हमारा कल्याण हो जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव का जैन आगम में बड़ा महत्व बताया गया है। तुम भले ही इस आयोजन में पात्र न बन सको लेकिन इसमें शामिल अवश्य होना क्योंकि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

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