छात्रों ने बताया कि विवि ने चार साल की पढ़ाई छह साल में पूरी करवाई और जब डिग्री मिलने का समय आया तो जो सबसे बेहतर छात्र थे, उनको फेल कर दिया गया। उत्तरप्रदेश, हरियाणा, दक्षिण भारत के छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनके माता-पिता ने छह साल में पांच लाख रुपए से अधिक की राशि खर्च कर दी है, हम लोगों ने भी लगातार मेहनत की, हर वर्ष 70 से 80 फीसदी के बीच अंक आए हैं, फाइनल प्रोफ के एग्जाम में भी लगभग सभी उत्तर सही तरीके से लिखे गए हैं।
फिर से प्रशासनिक भवन पहुंचे छात्र
रिजल्ट खराब होने के बाद गुरुवार को छात्र प्रशासनिक भवन पहुंचे थे। वहां मौजूद अधिकारियों ने वापस कर दिया था। शुक्रवार को फिर से ग्वालियर में फंसे छात्र प्रशासनिक भवन पहुंचे थे। अधिकारियों से मिलने के बाद सभी को लॉक डाउन के बाद आवेदन भरने की सलाह दे दी गई है।
यह हैं छात्रों के सवाल