सूत्र बताते हैं कि जेयू के एक पूर्व प्रोफेसर द्वारा मैनेजमेंट सिस्टम को संभालने के लिए नागपुर की कंपनी माइक्रो प्रो को इंट्रोड्यूस कराया गया था। इसके बाद कंपनी को काम सौंपने के साथ ही 42 लाख रुपए एडवांस देने की स्वीकृति भी दी। दिसंबर 2018 में 50 परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद से अभी तक कुल 135 परीक्षाओं के परिणाम बनाने की जिम्मेदारी कंपनी को दी जा चुकी है।
-यूजी के पांचवे, तीसरे और पहले सेमेस्टर का परिणाम घोषित होना है। सोमवार को जेयू के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि बीकॉम पांचवे सेमेस्टर का परिणाम जारी कर दिया गया है, बाकी के परिणाम अभी भी अटके हैं।
-पीजी के पहले और तीसरे सेमेस्टर का परिणाम अटका है। इन परिणामों को घोषित करने में कंपनी लगातार हीलाहवाली करती रही है।
-मई 2018 के बाद जितने भी परीक्षा परिणाम है, वह नागपुर की माइक्रो प्रो कंपनी को तैयार करने दिए गए हैं। कंपनी की सहायक कंपनी आईवेल और एक अन्य काम छोडकऱ भाग गईं। इसके बाद भी मुख्य कंपनी ने प्रबंधन को अंधेरे में रखकर काम जारी रखा।
नागपुर की कंपनी पर जेयू प्रबंधन लगातार मेहरबान है। छात्रों के परीक्षा परिणाम न आने से अगली क्लास में प्रवेश के साथ पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा। अगर जेयू प्रबंधन ने सख्त निर्णय नहीं लिया तो हम आंदोलन करने को विवश होंगे।
सचिन द्विवेदी, प्रदेश महासचिव-एनएसयूआई
शांतिदेव सिसोदिया, पीआरओ-जीवाजी यूनिवर्सिटी