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एक साथ मंच पर आए सांसद सिंधिया और मंत्री यशोधरा,भावुक होकर बुआ ने भतीजे पर कही यह बात

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने माधवराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया

ग्वालियरOct 02, 2017 / 09:03 pm

monu sahu

jyotiraditya scindia

jyotiraditya scindia and yashodhara raje

ग्वालियर। प्रदेश की राजनीतिक इतिहास के लिए सोमवार का दिन महत्वपूर्ण रहा,क्योंकि राजनीति के दो धुरंधर गुना एवं शिवपुरी के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मप्र सरकार की केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया एक मंच पर एक साथ आए। मौका था कैलाशवासी माधवराव सिंधिया की प्रतिमा के अनावरण का,जिसे परिवार का कार्यक्रम बताते हुए नेताओं ने भावुक उद्बोधन दिए। मंच पर माहौल कुछ इस तरह का बना कि फिर वहां न कांग्रेस रही न भाजपा। इस दौरान सांसद सिंधिया ने कहा कि आज मेरे पिता की प्रतिमा का अनावरण हुआ और अब दादी (राजमाता विजयाराजे सिंधिया) की प्रतिमा के अनावरण का कार्यक्रम ऐसे ही माहौल में होगा।
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मंच पर पिछोर विधायक केपी सिंह,पोहरी विधायक प्रहलाद भारती, रामनिवास रावत, बृजराज सिंह चौहान,नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, उपाध्यक्ष अनिल शर्मा और जनपद अध्यक्ष पारम रावत सहित कांग्रेस कार्यकर्ता व आमजन मौजूद रहे। सोमवार की शाम 4 बजे मंच पर कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया पहुंच गईं,जबकि लगभग 15 मिनिट बाद सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने लाव-लश्कर के साथ पहुंचे। मंच पर पहुंचते ही सांसद सिंधिया ने अपनी बुआ को झुक कर हाथ से नमस्कार की मुद्रा करते हुए अभिवादन किया। इसके बाद बुआ-भतीजे मंच से उतरकर माधवराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे।
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केपी ने सुनाए माधवराव सिंधिया के संस्मरण
पिछोर विधायक केपी सिंह ने कैलासवासी माधवराव सिंधिया के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब मैं छात्र राजनीति में था,तब पहली बार बॉम्बे कोठी में मेरी पहली मुलाकात उनसे हुई। वर्ष 1993 में जब मुझे पहली बार पिछोर विधानसभा से टिकट दिया। तब मैंने माधवराव सिंधिया से कहा कि मुझे पिछोर में तो कुछ लोग जानते हैं,लेकिन खनियांधाना में मेरी कोई तैयारी नहीं है।तब उन्होंने मुझे एक चिट्ठी लिखकर देते हुए कहा कि इसे ले जाओ,खनियांधाना में आपकी तैयारी हो जाएगी। केपी सिंह ने कहा कि जिस तरह से आज माधवराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण हुआ, इसी तरह किसी चौराहे पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा भी लगाई जानी चाहिए।
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जनसेवक थे मेरे पिता: ज्योतिरादित्य
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उद्बोधन की शुरुआत में कहा कि मेरी आत्या (बुआ) व मेरे परिवार के सदस्यों,आज मेरे पिता की प्रतिमा का अनावरण उनकी प्रिय नगरी शिवपुरी में हो रहा है।मैं इसके लिए नगरपालिका परिषद शिवपुरी को धन्यवाद देता हूं।मेरे पिता के आदर्श आखिरी सांस तक मेरे साथ रहेंगे। क्योंकि मेरे पिता ने राजनीति को माध्यम बनाकर जनसेवा की और उनकी पहचान एक जनसेवक के रूप में रही।मेरी दादी व पिता के समय में राजनीति ऐसी हुआ करती थी कि लोगों के बीच रिश्ते बांधे जाते थे,लेकिन आज का राजनीतिक वातावरण धूमिल होता जा रहा है।
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आज भाजपा व कांगे्रस,दोनों ही दलों के लोग यहां मौजूद हैं।आज महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती का दिन मेरे पिता की प्रतिमा के अनावरण के लिए चुना,यह अविस्मरणीय है। मेरा मानना है कि चुनाव के समय तक तो हम प्रतिद्वंदी हो सकते हैं, लेकिन परिणाम आने के बाद सभी को मिलकर विकास की बात करना चाहिए।सांसद सिंधिया ने कहा कि मैंने तो नपाध्यक्ष से कहा था कि दादी व पिता की प्रतिमा लगाई जाए।अगला कार्यक्रम मेरी दादी की प्रतिमा के अनावरण का होगा,जिसमें इसी तरह मिलेंगे तथा शिवपुरी का विकास करेंगे।
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जब भावुक हुईं यशोधरा राजे
केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने सांसद सिंधिया को आदरणीय भतीजे संबोधित करते हुए कहा कि आज मेरे भाई की प्रतिमा का अनावरण हुआ है।वो न केवल पार्टी व परिवार बल्कि भाई होने के नाते मेरा भी नेतृत्व करते थे।आप लोगों को आश्चर्य होगा कि मेरी मां जब राजनीति में आईं तो गुना लोकसभा सीट से उन्होंने पहला व आखिरी चुनाव लड़ा। वहीं मेरे भाई साहब ने भी पहला व आखिरी चुनाव गुना लोकसभा सीट से ही लड़ा। यह इत्तिफाक ही है कि मां-बेटा दोनों ही अपना पहला व आखिरी चुनाव एक ही सीट से लड़े। यशोधरा ने भावुक होते हुए कहा कि जब राजनैतिक मतभेदों ने मां-बेटे के रास्ते अलग-अलग कर दिए,तो भगवान ने दोनों को एक ही रास्ते से बुला लिया।आज वो ऊपर से अपने लोगों को देख रहे हैं। ऐसी ही प्रतिमा मेरी मां की भी लगाई जाएगी,क्योंकि जहां बेटा है तो वहां मां भी दूर नहीं रह सकती।

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