गर्म हुए राजनीतिक वातावरण के चलते गुरुवार की दोपहर 12 बजे ब्लॉक कांगे्रस अध्यक्ष देवेंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय पर एकत्र होकर ज्योतिरादित्य के पुतले के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान पुतला लेकर नगर भर में रैली निकालते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया मुर्दाबाद एवं सिंधिया गद्दार है के नारे भी लगाए। कार्यकर्ता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के आवास के निकट स्थित कार्यालय पर जमा हुए थे। तहसील परिसर में पहुंचकर ज्योतिरादित्य का पुतला प्रदर्शन समाप्त हुआ। इस दौरान उदयप्रताप सिंह सेंगर उर्फ राजा बाबू, नरेश सिंह चौहान, अनुरुद्धप्रताप सिंह, संजय गुर्जर, मकबूल खान, किशोर सिंह, रामशंकर दुबे, अनिल सोनी, सुरेंद्र चौरसिया, रामनरेश शर्मा, लालजी मेहरा, कमल पार्षद, अज्जु पार्षद एवं शिवप्रताप सिंह सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ प्रदर्शन होता देख दोपहर करीब एक बजे भाजपा कार्यकर्ता पूर्व विधायक रसाल सिंह के नेतृत्व में लहार कस्बे के लोहिया चौक पर एकत्र हो गए। जहां से सीएम कमलनाथ का पुतला लेकर रैली के रूप में पुलिस थाने के सामने पहुंचे। कुछ देर तक थाने के सामने सीएम कमलनाथ के मुर्दाबाद, जय-जयश्रीराम एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया जिंदाबाद के नारे लगाने के बाद पुतले का समापन कर दिया। पुलिस ने इस दौरान सीएम का पुतला छीनने का काफी प्रयास किया बावजूद इसके भाजपा कार्यकर्ता अपने मंसूबे में सफल हो गए। इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से हलकी झड़प भी हुई। इससे पूर्व रैली को संबोधित करते हुए रसाल सिंह ने कहा कि ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल हो जाने से कांग्रेसी बौखला गए हैं। प्रदर्शन में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रामकुमार महते, मंडल अध्यक्ष भाजपा नंदराम बघेल, संजीव चौधरी,, अरविंद दुबे गुड्डू, अबधेश दद्दा भटपुरा, अनूप त्यागी, रामसनेही गुप्ता, कोक सिंह चौहान, जबर सिंह कुशवाह, मोनू महंत, शिवम तिवारी, राजीव शुक्ला आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
राकेश और हेमंत का रुझान कांग्रेस की ओर
पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह भले ही अपनी जुबान से फिलहाल कुछ नहीं कह पाए हैं लेकिन उनकी समाजवादी विचारधारा और भाजपा में शामिल होकर मिला हासिए पर होने का तजुर्बा उन्हें अब हरगिज भाजपा की ओर रुख करने की इजात नहीं देगा। क्षेत्र की आवाम भी उन्हें सदैव से ही कांग्रेसी नेता के रूप में पसंद करती आई है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बतौर भाजपा प्रत्याशी जिस प्रकार करारी हार का सामना उन्होंने किया वैसी शिकस्त एक भी चुनाव में उन्होंने नहीं देखी थी। जबकि अटेर से यदि हेमंत कटारे ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कांग्रेसी छोड़ते हैं तो भाजपा से उन्हें अटेर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के लिए टिकट मिलना इतना आसान नहीं है क्योंकि वर्तमान विधायक डॉ अरविंद भदौरिया अटेर से ही विधायक है जो कि संगठन के कद्दावर नेता माने जाते हैं जिनका टिकट कटना सहज नहीं है। लिहाजा विरासत में मिला चुनावी रणक्षेत्र भी उनके हाथ से खिसक जाएगा। ऐसे में कांग्रेस का दामन पकड़े रहने में ही वह अपने लिए सहूलियत समझेंगे।
युकां ने सिंधिया के पुतले को लेकर किया प्रदर्शन
भिण्ड शहर के गांधी मार्केट पर जमा होकर गुरुवार के अपराह्न 3 बजे युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सचिव शालू पुराहित के नेतृत्व में पुतला लेकर विरोध प्रदर्शन कर ज्योतिरादित्य सिंधिया मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष शहर आशीर्वाद शर्मा ने कहा कि सिंधिया ने पद के लालच में घृणित कृत्य किया है। कांग्रेस का कार्यकर्ता उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। प्रदर्शन में विक्रम सिंह, कौशलेंद्र सिंह, हेमंत भदौरिया, राजीव समाधिया, अजय जैन, पुष्कर दीक्षित, संकेत शर्मा, अभय राजावत, नमन सीरोठिया, छोटू सेंगर, कुलदीप सिंह, मनीष पुरोहित, प्रतीक सिंह, जंडेल सिंह सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
पसोपेश में फंसे ये स्थानीय नेता
ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे में भिण्ड से पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह और अटेर से पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने सिंधिया के भाजपा में प्रवेश कर जाने के दूसरे दिन भी चुप्पी नहीं तोड़ी है। हालांकि चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने पत्रिका से चर्चा में इतना जरूर बताया कि वह मंत्रणा कर रहे हैं। वहीं हेमंत कटारे सिंधिया वाले घटनाक्रम के बाद से मीडिया के संपर्क से पूरी तरह से बचते नजर आ रहे हैं। वह न सिर्फ गृहनगर से बाहर हैं बल्कि मोबाइल पर कॉल भी रिसीव नहीं कर रहे हैं। दोनों ही नेताओं के सामने एक ओर सिंधिया मोह है तो दूसरी ओर अपना राजनीतिक अस्तित्व इसके लिए वह आत्ममंथन कर रहे हैं।