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कारगिल युद्ध : जब वायुसेना ने देश के इस हवाई अड्डे को ‘वॉर थियेटर’ में बदला ऐसे में हम आपको बताने जा रहे है कि कारगिल युद्ध से जुड़ीं कुछ यादें। कारगिल युद्ध के दौरान भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी थे और पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ थे। कारगिल युद्ध के पीछे पाक के राष्ट्रपति मुशर्रफ और पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख का हाथ माना जाता है।
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नौकरानी को देख गाड़ी रोकी तो मालकिन रह गईं सन्न, देखी ऐसी चीज कि भागे-भागे पहुंची घर वहीं कारगिल के बटालिक सेक्टर में भारत के पेट्रोलिंग टीम पर हमला हुआ जिसके बाद से ही उस इलाके में आतंकियों के होने की खबर मिली थी। पहले तो भारतीय सेना ने इसे एक जिहाद समझा लेकिन बाद में पता चला कि पाक अपनी ना-पाक हरकतों पर उतर आया है और बड़ी घुसपैठ की मंशा से सरहद पर हमला बोला है।
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सिंधिया जल्द तय कर सकते हैं महापौर के लिए नाम, ये हैं दौड़ में शामिल कुछ ही समय के बाद पाक की तरफ से घुसपैठ बढऩे लगी और भारतीय सेना को समझ आ गया कि ये योजनाबद्ध तरीके से किया गया ऑपरेशन है। बाद में छानबीन में यह पता चला कि इसमें सिर्फ जिहादी ही नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में पाक के सैनिक भी शामिल थे। उसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया। इस ऑपरेशन में 30,000 भारतीय सैनिक शामिल हुए।
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VIDEO : जिला अस्पताल में लिफ्ट में फंसे 9 लोग, मच गई अफरा-तफरी जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ और पूरे तीन महीनों तक चला और बाद में भारत को विजय मिली। पूर्व सैनिक रामदयाल के परिजनों ने बताया कि 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल के इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था वहीं करीब 1200 से ज्यादा इस युद्ध में घायल हो गए।