पिता प्रेमनारायण और उनकी पत्नी स्नेहस ने पुलिस को बताया कि बच्चों को घर में कोई परेशानी नहीं थीं। बच्चों के पास निजी मोबाइल नहीं था, मां के फोन पर तीनों टिक टॉक और दूसरे गेम खेलकर मस्ती करते थे। कुछ समय परिजनों के साथ जयपुर घूमने जरूर गए थे। उसके अलावा कभी कॉलोनी से बाहर नहीं गए। पिता प्रेमनारायण का कहना है कि बच्चों को पैसे भी नहीं देते हैं, तो उनके पास ऑटो का किराया देने के लिए पैसे कहां से आए।
सीसीटीवी में दिखे
महाराजपुरा टीआइ आसिफ मिर्जा बेग ने बताया कि तीनों बच्चों का पता लगाने के लिए उनके घर से स्कूल तक रास्ते में लगे सीसीटीवी खंगाले तो उनमें रेल पटरियों के पास तीनों बच्चे ऑटो में बैठते दिखे, उनके साथ एक युवक भी उसी ऑटो में बैठा। आशंका थी कि युवक तीनों को बहला कर ले गया, लेकिन गोला का मंदिर पर लगे कैमरों में चारों ऑटो से उतरे और युवक अपने रास्ते चला गया, जबकि दोनों बहनें नादान भाई सहित दूसरे ऑटो में बैठकर रेलवे स्टेशन पहुंच गईं। पुलिस के मुताबिक रेलवे स्टेशन के कैमरे में तीनों टिकट विंडो, फिर प्लेटफार्म नंबर 4 पर दौड़ कर जाते दिखे हैं।
आशंका है कि तीनों को अगवा किया गया है। हालांकि प्रेमनारायण किसी से दुश्मनी होने से साफ इनकार कर रहे हैं। बच्चों के लापता होने से स्नेहस की हालत गंभीर है, वह बार-बार बेहोश हो रही हैं। जब होश आता है तो बच्चों के बारे में पूछती हैं और फिर निढाल हो जाती हैं।
बच्चों के रहस्यमय तरीके से गायब होने पर उनकी लोकेशन को लेकर अफवाहें उड़ती रहीं। शाम को परिजन को पता चला कि तीनों बच्चे कटोराताल के पास देखे गए हैं, तो रिश्तेदार उन्हें तलाशने के लिए वहां पहुंच गए। इसी तरह घरवालों को खबर मिली कि सोनी, भिण्ड रेलवे स्टेशन पर लापता बच्चों के हुलिए से मेल खाते दो बच्चे देखे गए हैं, लेकिन तस्दीक करने पर अफवाह निकली।
आक्रोश में परिजन
देर रात तक बच्चों का पता नहीं चलने से परिजन और उनके रिश्तेदार आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि तीनों बच्चों को गायब हुए 12 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका है। तीनों रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी में जाते दिखे भी हैं, फिर भी पुलिस सिर्फ शहर में तलाश रही है। आशंका है कि तीनों को कोई प्लानिंग से अगवा कर ले गया है। अपहरणकर्ता ने उन्हें बहकाकर बुलाया है फिर अपने साथ ले गया है।