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दोनों परिवार के लिए डॉक्टर बने माध्यमअहमदाबाद के सिविल अस्पताल में पीडि़तों का इलाज चल रहा था वहां के चिकित्सकों के माध्यम से दोनों दम्पति एक दूसरे के सम्पर्क में आए। जांच करने पर पता चला कि दोनों एक-दूसरे के पति को अपनी किडनी दे सकती हैं। मैच होते ही दोनों तुरंत किडनी देने के लिए तैयार हो गईं। अब दोनों को किडनी प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति के प्रमाण पत्र की जरूरत थी। लिहाजा ग्वालियर के दंपित संदीप और राधा व नीमच के जीवन व सुनीता जीआरएमसी पहुंचे और इस प्रक्रिया को पूरा किया। अब सिर्फ नीमच निवासी जीवन कायस्थ को इंदौर मेडिकल कॉलेज से अनुमति लेना शेष है।
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2017 में सबसे अधिक 17 प्रस्ताव
गजराराजा मेडिकल कॉलेज में अब तक किडनी प्रत्यारोपण के 75 मामले पहुंचे। इनमें कॉलेज की प्राधिकार समिति ने अनुमति दी। वर्ष 2017 में सबसे अधिक 17 मामले अनुमति के लिए पहुंचे। जीआरएमसी मेंं किडनी प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति वर्ष 2010 से अनुमति दे रही है।
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टीपीएस सिकाई के नाम पर मरीजों से वसूली
ग्वालियर ञ्च पत्रिका. जयारोग्य अस्पताल में रेडियोथैरेपी सिकाई के लिए पहुंचने वाले कैंसर मरीजों से टीपीएस के नाम पर २०० रुपए अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा है। इसकी शिकायत कॉलेज के डीन तक पहुंची है। शिकायत के आधार पर डॉक्टरों को नोटिस जारी करने के साथ मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने इस मामले को लेकर खबर प्रकाशित की थी।
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मरीजों को नहीं पता यह चार्ज किस जांच का लिया जा रहा है। जबकि रेडियोथैरेपी सिकाई का रेट ७५० रुपए है। अगर मरीजों की सिर्फ रेडियोथैरेपी सिकाई की जा रही है, तो उसने सिर्फ ७५० रुपए लिए जाने चाहिए, लेकिन मरीजों को ९५० रुपए की रसीद दी जा रही है। बताते हैं कि जो जांच दो साल से बंद है उस जांच का चार्ज वसूला जा रहा है। टीपीएस सिकाई का चार्ज 200 रुपए है।
रोज पहुंचते हैं 60 मरीज
आंकोलॉजी विभाग में रोजाना 60 मरीज सिकाई के लिए पहुंचते हैं। रेडियोथैरेपी के साथ टीपीएस सिकाई के नाम पर अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा है। शिकायत के बाद हड़कंप की स्थिति है।
डॉ.एसएन आयंगर, डीन, जीआरएमसी