अजय ने कमिश्नर को फोन किया तो उन्होंने रिसीव नहीं किया। बाद में उन्हेे मैसेज किया कि वह जबलपुर से जज विवेक शर्मा है। इसके बाद उसने दोबारा कॉल करके लाइसेंस की सिफारिश की।
पुलिस के हाथ आने पर भी वह घबराया हुआ नहीं था। उसके आत्मविश्वास को देखकर पुलिस को यकीन है कि यह कई लोगों को पागल बना चुका होगा। इसलिए पुलिस इसके मोबाइल नंबर की एक साल तक की कॉल डिटेल निकाल रही है। पुलिस उनसे पूछेगी कि इसकी किस संबध में बातचीत हुई है।