23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

lal tipara gaushala लाल टिपारा गोशाला बनी रोल मॉडल… इसकी तर्ज पर प्रदेश में नई गोशाला खोली जाएंगी

नगर निगम की लाल टिपारा गोशाला प्रदेश के लिए रोल मॉडल बन गई है। अब इस गोशाला के तर्ज पर ही प्रदेश में नई गोशाला खोली जाएंगी। इसके लिए शासन ने

2 min read
Google source verification
lal tipara gaushala नगर निगम की लाल टिपारा गोशाला प्रदेश के लिए रोल मॉडल बन गई है। अब इस गोशाला के तर्ज पर ही प्रदेश में नई गोशाला खोली जाएंगी। इसके लिए शासन ने

lal tipara gaushala

lal tipara gaushala: नगर निगम की लाल टिपारा गोशाला प्रदेश के लिए रोल मॉडल बन गई है। अब इस गोशाला के तर्ज पर ही प्रदेश में नई गोशाला खोली जाएंगी। इसके लिए शासन ने लाल टिपारा गोशाला की सर्वे रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसे शुक्रवार को सहकारिता विभाग को भेज दिया गया है।

शुक्रवार को नगरीय प्रशासन आयुक्त ने सभी निकायों की वीसी ली। इस दौरान उन्होंने नगर निगम आयुक्त हर्ष ङ्क्षसह सहित अन्य निकायों के अधिकारियों से कहा कि ग्वालियर की लाल टिपारा में बेहतर व्यवस्था हैं और यह संतों की देखरेख में प्रदेश के लिए रोल मॉडल बन गई है।

अधिकारियों ने बताया कि शासन की ओर से निगम को भेज गए पत्र में गायों की देखभाल कैसे होती है, कितने गोवंश, गोशाला में कितने कर्मचारी है, कितना दूध होता है सहित गोकास्ट की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया था जिसकी रिपोर्ट तैयार कर भेज दी गई है। साथ ही गोशाला को संचालित करने के लिए फंड कैसे जुटाया जाता है और देखरेख का तरीका क्या है। इसका भी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। वीसी में प्रधानमंत्री आवास, व सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्ता सहित अन्य पर चर्चा हुई।

9500 गोवंश, 100 कर्मचारी करते देखभाल

लाल टिपारा गोशाला में वर्तमान में 9500 गोवंश हैं, 100 कर्मचारी व 130 लीटर दूध के साथ ही शासन से 5.5 करोड़ की राशि मिलती है और निगम द्वारा 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाते है। वहीं गोशाला की इनकम वर्तमान में दूध व खाद्य बेचकर 20 से 25 लाख है। इनकम के लिए यहां पर 31 करोड़ रुपए खर्च बायो सीएनजी प्लांट लगाया जा रहा है, इससे प्रतिदिन 2 टन बायो सीएनजी गैस बनाई जाएगी। प्लांट को चलाने के लिए गोशाला के सभी गोवंश के गोबर के साथ ही शहरभर का गोबर व सब्जी मंडी के गोबर का भी उपयोग किया जाएगा।

गोशाला से गोवंश का गोबर खरीदेगी कंपनी

उधर जिला पंचायत में ग्रामीण क्षेत्र की गोशाला की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि गोशाला में बंद गोवंश का गोबर कंपनी खरीदेगी, जिससे गोशाला को आय होगी। पशु पालन विभाग ने गोशाला की रिपोर्ट पेश की। 2024-25 में 251 गोवंश को गोशाला भेजा गया। 80 संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 4306 गोवंश की टैङ्क्षगग की गई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ङ्क्षसह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।