प्रदेश के इस जिले में तेजी से फैल रहा है कोरोना का कहर, अब तक 88 केस मिले प्रशासन ने उसके बेटे से कहा कि महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है इसलिए इसके शव का दाह संस्कार यहीं करवाया जाएगा। लेकिन जैसे ही महिला का शव लक्ष्मीगंज स्थित मुक्तिधाम में पहुंचा तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने महिला के शव से हाथ लगाने की मना कर दी और बॉडी भी जलाने से मना कर दिया। इससे करीब तीन घंटे तक मृतक के बेटे शव के अंतिम संस्कार का इंतजार करते रहे। बाद में महिला के दोनों बेटों और दामाद ने किट को पहनकर बॉडी को प्लेट में रखा और शव का दाह संस्कार किया। इससे पहले वह कई बार अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाए और जल्द ही अंतिम संस्कार करने की बात कही। इस दौरान मृतक के बेटे का रो रोकर बुरा हाल हो गया।
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तीन घंटे कर्मचारियों का इंतजार
बुधवार की दोपहर मृतक मायादेवी के दोनों बेटे एंबुलेंस से शव को लेकर लक्ष्मीगंज स्थित मुक्ति धाम पहुंचे। जहां नगर निगम के कर्मचारी विक्की ने महिला की बॉडी को जलाने से साफ मना कर दिया। कर्मचारी ने मृतक के बेटे सहित अन्य अधिकारियों से कहा कि 6000 रुपए के लिए हम अपनी जान जोखिम में नहीं डालेंगे। हम बॉडी को हाथ नहीं लगाएंगे नगर निगम चाहे तो हमें नौकरी से हटा दें। वहीं मृतक मायादेवी के बेटे का कहना है कि तहसीलदार ने तो हमसे बोला था कि अब आप तो बॉडी के साथ जाओ।
तीन घंटे कर्मचारियों का इंतजार
बुधवार की दोपहर मृतक मायादेवी के दोनों बेटे एंबुलेंस से शव को लेकर लक्ष्मीगंज स्थित मुक्ति धाम पहुंचे। जहां नगर निगम के कर्मचारी विक्की ने महिला की बॉडी को जलाने से साफ मना कर दिया। कर्मचारी ने मृतक के बेटे सहित अन्य अधिकारियों से कहा कि 6000 रुपए के लिए हम अपनी जान जोखिम में नहीं डालेंगे। हम बॉडी को हाथ नहीं लगाएंगे नगर निगम चाहे तो हमें नौकरी से हटा दें। वहीं मृतक मायादेवी के बेटे का कहना है कि तहसीलदार ने तो हमसे बोला था कि अब आप तो बॉडी के साथ जाओ।
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वहां आप तो सिर्फ मशीन का बटन दबाना और कुछ नहीं करना, मगर मैंने अपनी मां की बॉडी भी उठाई और यहां तक लाए और श्मशान में करीब तीन घंटे से कर्मचारियों का इंतजार भी किया लेकिन कोई भी मेरी मां की बॉडी जलाने वाला तैयार नहीं है। इस दौरान मृतक माया देवी का बेटा बार-बार यही कहता रहा कि अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था नहीं है तो बॉडी हमें दे दो मगर तहसीलदार और नगर निगम के अधिकारी उनके बेटे को समझाते रहे। बाद में मृतक महिला माया देवी के दोनों बेटे और दामाद ने मिलकर शव को मशीन की प्लेट में रखा और शव का दाह संस्कार किया।
वहां आप तो सिर्फ मशीन का बटन दबाना और कुछ नहीं करना, मगर मैंने अपनी मां की बॉडी भी उठाई और यहां तक लाए और श्मशान में करीब तीन घंटे से कर्मचारियों का इंतजार भी किया लेकिन कोई भी मेरी मां की बॉडी जलाने वाला तैयार नहीं है। इस दौरान मृतक माया देवी का बेटा बार-बार यही कहता रहा कि अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था नहीं है तो बॉडी हमें दे दो मगर तहसीलदार और नगर निगम के अधिकारी उनके बेटे को समझाते रहे। बाद में मृतक महिला माया देवी के दोनों बेटे और दामाद ने मिलकर शव को मशीन की प्लेट में रखा और शव का दाह संस्कार किया।