दो साल से मदरसा शिक्षकों को नहीं मिला वेतन
जिले में मदरसा बोर्ड द्वारा संचालित मदरसा को शासन से २ साल से फंड नहीं मिला है जिसके कारण यहां अध्यापन कार्य कराने वाले शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सका है। इसको लेकर कई बार मदरसा शिक्षक और संचालक अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है। जिससे शिक्षक परेशान हैं। वहीं संचालक इसको लेकर भोपाल स्थित मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष से लेकर शिक्षा मंत्री तक शिकायत कर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई है। आलम यह है कि सभी शिक्षक बिना वेतन के ही अध्यापन कार्य करने को मजबूर हैं। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है।
दो साल से मदरसा शिक्षकों को नहीं मिला वेतन
शहर में मदरसा बोर्ड द्वारा ४० मदरसा संचालित हैं। इनमें प्राइमरी और मिडिल दोनों शामिल हैं। यहां मध्य प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित कोर्स संचालित किया जाता है। इसके साथ ही एक किताब धार्मिक विषय पर रहती है। शासन द्वारा मदरसा के शिक्षकों के लिए फंड दिया जाता है। प्रति शिक्षक को ६ हजार रुपए वेतन के लिए दिया जाता है। लेकिन दो साल से यह फंड नहीं मिला है। जिससे शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सका है। इसको लेकर मदरसा संचालक बार बार शासन को पत्र लिख चुके हैं और अधिकारियों के चक्कर भी लगा रहे हैं। इसके बावजूद फंड जारी नहीं हो सका है। मदरसा डवलपमेंट सोसायटी के सचिव अमजद खान के अनुसार शहर में ४० मदरसा में ८० शिक्षक हैं जो कि अध्यापन कार्य कर रहे हैं। शासन द्वारा फंड दिया जाता है लेकिन फंड नहीं मिलने से शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। अभी हाल ही में भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री और प्रदेश के शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। मदरसा में अध्ययनरत सभी बच्चों को पुस्तकें तो शासन द्वारा उपलब्ध करा दी जाती हैं लेकिन ड्रेस के लिए पैसा नहीं मिलता है। दरअसल २०११ से पहले तक ड्रेस के लिए पैसा मिलता था लेकिन इसके बाद से ही शासन ने इसे बंद कर दिया है। अहमद खान के अनुसार मदरसा में आने वाले बच्चों को भी गणवेश के लिए शासन द्वारा निर्धारित राशि मिलना चाहिए जिससे बच्चे गणवेश में स्कूल में आ सकें। इसको लेकर मदरसा संचालकों ने मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष से डिमांड की है।