आसपास की जमीनों के भी दावे
न्यायालय में सिटी सेंटर के अलावा आसपास की जमीनों पर भी दावे पेश किए गए हैं। चरनोई, पहाड़ जमीनों पर दावे पेश किए गए हैं। मंदिरों की जमीनों पर न्यायालय में दावे चल रहे हैं।
कलेक्टर में जेसी शाखा बनी है। इस शाखा में फाइल इधर-उधर घूमती रहती है।
इस तरीके से हथिया रहे जमीनों को
– सरकारी जमीन पर दो लोग अपना विवाद बताते हैं। दोनों जमीन पर कब्जा बताते हुए मालिकाना हक की मांग करते हैं। इस विवाद को सुलझाने के लिए न्यायालय में वाद पेश करते हैं। शासन को पार्टी बनाया जाता है। जब शासन का लंबे समय तक जवाब नहीं आता है तो उसे एक्स पार्टी घोषित करते हैं। दोनों लोग समझौते के आधार पर विवाद खत्म करते हैं। जमीन का मालिकाना हक हासिल करते हैं।
– जब डिक्री पक्ष में हो जाती है तो उस आदेश राजस्व में नहीं देते हैं। अपील करने की अवधि निकल जाती है तो राजस्व विभाग में नामांतरण के लिए आदेश पहुंचाते हैं। शासन की इसकी अपील करता है, लेकिन अपील देर से पेश करने पर वह खारिज हो जाती है। शासन इस तरह से करोड़ों रुपए की जमीन हार चुका है।
जैसे कि पुतली घर की 18 बीघा, लोहा मंडी की जमीन सहित एसपी ऑफिस की जमीन भी शासन हार चुका है। क्योंकि देर से अपील दायर की गई थी। इसी आधार पर शासन की अपीलें खारिज हुई हैं।
– प्रशासन के साथ बैठक हुई थी। उस बैठक में लोक अभियोजक को व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी दी है। समय पर जवाब पेश हो सके हैं। उसकी व्यवस्था बना रहे हैं। अधिकारी को भी जवाब दावा पेश करने के लिए बुलाया जाएगा।
विजय शर्मा, लोक अभियोजक