स्कूल के टॉयलेट में बदबू, फर्श गंदा खेरापति कॉलोनी स्थित इंजीनियरिंग हायर सेकंडरी स्कूल में मंत्री ने टॉयलेट साफ कर लोगों को जागरूक किया था। शुक्रवार को टॉयलेट में सुबह एक बार साफ होने के बाद उपयोग किए जाने से बदबू आ रही थी, फर्श गंदा था।
सेवा नगर: नाले में कचरे से रुका बहाव
यहां मंत्री द्वारा चलाए गए सफाई अभियान का कोई असर नहीं दिखा। नाला गंदगी से बुदबुदा रहा था, उसमें पानी का बहाव रुका था। दुकानदार और आसपास के लोगों द्वारा कचरा फेंकने से नाले में गंदगी जमा थी।
नूरगंज: ठिए पर ढेर
नूरगंज क्षेत्र में कचरे के ठिए के पास डेयरी संचालित हो रही है। सुबह कचरा तो उठ गया था, लेकिन लोगों द्वारा फिर कचरा डालने से गंदगी का ढेर लगा था। यहां गोबर आदि ठिया पर डालने से हर वक्त दुर्गंध आती है।
कांच मिल: मंत्री का निवास फिर भी गंदगी कांच मिल क्षेत्र में मंत्री का निवास है, इसके बाद भी यहां सफाई के प्रति नगर निगम के अफसर गंभीर नहीं हैं। मंत्री के आवास से १०० मीटर दूरी पर स्थित नाला भी गंदगी से भरा था, इसमें पुलिया के एक ओर पिछले दिनों सफाई के बाद कचरा निकाला गया था, यह भी नहीं उठा। नाले की सफाई कई दिनों से नहीं होने से नाले में गंदगी जमा थी।
जागरुकता के लिए प्रयास नहीं
शहर को स्वच्छता अभियान में पहले पायदान पर लाने के लिए निगम अफसर गंभीर नहीं हैं। वह डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन पर यूजर चार्ज लगाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। वहीं जुर्माना न लगने से गंदगी फैलाने पर भय नहीं है। घरों से और दुकानदार द्वारा गंदगी फैलाने पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई निगम अधिकारी करने लगें तो नालियों और सड़कों पर दिखने वाला कचरा कम हो सकता है।
सीधी बात: खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पहले से हालात सुधरे हैं सवाल- शहर में आपके द्वारा सफाई अभियान चलाने के बाद नगर निगम प्रशासन कितना सक्रिय हुआ? आप सफाई के लिए निगम को कितने अंक देंगे?
जवाब- मेरे अभियान के बाद लोगों में २०-२५ प्रतिशत जागरुकता बढ़ी है। सफाई की स्थिति पहले से सुधरी है, इसलिए निगम को ६ से ७ प्रतिशत अंक दिए जा सकते हैं।
सवाल- जिन क्षेत्रों में अभियान चलाया गया वहां निगम गंभीर नहीं दिख रहा है?
जवाब-सभी को लोगों के बीच जागरुकता लानी होगी। पार्षद सहित हर व्यक्ति को इसके लिए काम करना होगा, तभी शहर की सूरत बदलेगी।
सवाल- स्वच्छता अभियान में भोपाल और इंदौर की अपेक्षा ग्वालियर काफी पीछे रह रहा है?
जवाब-मैं आपकी बात से सहमत हूं, लेकिन पहले की अपेक्षा शहर में हालात बदले हैं। अभी तक संसाधनों की कमी थी, अब शासन से १० करोड़ रुपए मशीनरी खरीदने के लिए स्वीकृत हुए हैं।
बातचीत: निगम कमिश्नर संदीप माकिन सवाल- मंत्री तोमर ने जिन क्षेत्रों में नालों की सफाई की है, वहां नाले फिर गंदगी से भरे हुए हैं?
जवाब-इस बात से मैं सहमत नहीं हूं। नालों को रॉस्टर बनाकर साफ कराया जा रहा है।
सवाल- ठिए पर कचरा दिनभर पड़ रहता है, जो हवा के साथ लोगों दरवाजे तक पहुंच रहा?
जवाब-लोग कचरा गाड़ी निकलने के बाद सड़क पर कचरा फेंक देते हैं, ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
सवाल- शहर में सफाई को लेकर हम किस स्थान पर हैं, आप कितने अंक देंगे?
जवाब- यह सवाल आप पर और जनता पर छोड़ता हूं। जनता जितने अंक देना पसंद करे, हमारा काम शहर को साफ रखना है।