ग्वालियर

MP का ऐसा मंदिर जहां 850 साल से जल रही है अखंड ज्योति,देश में विख्यात है इसकी महिमा

11वीं सदी में महान शासक पृथ्वीराज चौहान द्वारा निर्मित कराया गया वनखंडेश्वर महादेव मंदिर

ग्वालियरFeb 09, 2018 / 07:35 pm

monu sahu

ग्वालियर/भिण्ड। 11वीं सदी में महान शासक पृथ्वीराज चौहान द्वारा निर्मित कराया गया वनखंडेश्वर महादेव मंदिर मध्यप्रदेश सहित देश में अपनी खूबसूरती-दिव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए विख्यात है। श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास के इस केंद्र पर वैसे हर दिन ही भक्त जुटते हैं लेकिन शिवरात्रि के दिन कांवरियों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला लगता है। मंदिर में शिवलिंग स्थापना के बाद से ही यहां अखंड ज्योति प्रज्वलित हो रही है। इस सिद्धपीठ पर दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना और दीपक घी से भरने के लिए आते रहते हैं।
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ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार सिद्ध शक्तिपीठ वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण दिल्ली के तत्कालीन शासक पृथ्वीराज चौहान द्वारा महोबा के राजा आल्हा और उदल से युद्ध करने जाते वक्त बनवाया था।

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बताया जाता है चौहान द्वारा शिव पूजन पश्चात अन्न-जल ग्रहण करने का संकल्प लिया था,जब उन्होंने इस स्थान पर पड़ाव डाला तब लिए गए नियम की पूर्ति के लिए वनखंडेश्वर में शिवलिंग की स्थापना कराई।
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इसके बाद से ही सिद्ध पीठ पर अखंड ज्योति प्रज्वलित है। यहां दो दीपक निरंतर जलते रहते हैं। आसपास के लोगों ने बताया कि जिस स्थान पर निरंतर 12 वर्ष तक अखंड ज्योति,पाठ,भजन-कीर्तन,आरती की प्रक्रिया चलती है वह सिद्धपीठ बन जाती है।
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महापर्व के लिए महातैयारी
आगामी 14 फरवरी को महाशिवरात्रि के महापर्व पर वनखंडेश्वर महादेव मंदिर पर लाखों श्रद्धालुओं के आगमन के मद्देनजर जहां एक प्रशासन और पुलिस द्वारा व्यवस्थाएं बनाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं वहीं दूसरी ओर मंदिर प्रबंधन द्वारा मंदिर की साज- सज्जा सहित अन्य सुविधाएं जुटाने के लिए विशेष रूप से तैयारियां की जा रही हैं।
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गंगाजल से करते हैं अभिषेक
देवाधिदेव भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल से किया जाता है। इसके लिए कांवरिए सिंगी रामपुर से गंगाजल लेकर आते हैं। मान्यता है वनखंडेश्वर महादेव मंदिर पर पूजा अर्चना करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। यह भी माना जाता है कि मंदिर में केाई झूठी कसम नहीं खाता है और जो ऐसा करता है उसके साथ अनहोनी घटित होती है।

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