scriptहर काम को पॉसिबल बना रही मशीन लर्निंग | Making Possible Machine Learning for Every Job | Patrika News
ग्वालियर

हर काम को पॉसिबल बना रही मशीन लर्निंग

जो चीजें हमारी पुरानी पीढ़ी नामुमकिन मानती थी, मशीन लर्निंग से वो अब हमारा वर्तमान हो चुका है

ग्वालियरJun 26, 2019 / 01:26 am

prashant sharma

Machine

हर काम को पॉसिबल बना रही मशीन लर्निंग

ग्वालियर. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल अभी आमतौर पर इंडस्ट्रीज में किया जा रहा है। मशीन लर्निंग का भविष्य वाकई बहुत उज्ज्वल है। ये उन टेक्नोलॉजी में से है, जिनकी लिमिट हम इंसान नहीं तय करते, जितनी बड़ी हमारी कल्पना होगी उतनी हम मशीन लर्निंग का भी इस्तेमाल अपने कार्यों के लिए कर सकते हैं, जो चीजें हमारी पुरानी पीढ़ी नामुमकिन मानती थी, मशीन लर्निंग से वो अब हमारा वर्तमान हो चुका है। कुछ ऐसी ही जानकारी दे रहे थे आईआईआईटी इलाहबाद के डॉ. विजेंद्र सिंह, जो ’आर्टिफि शियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग’ विषय पर आईटीएम की टीचर्स से रूबरू थे। टीचर्स को न्यू टेक्नोलॉजी अपडेशन के लिए आईटीएम यूनिवर्सिटी द्वारा आईआईटी पटना के सहयोग से टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया है।
दोनों का कॉन्सेप्ट अलग
एबीवी ट्रिपल आईटीएम के डॉ. डब्ल्यू विलफ्रेड गॉडफ्रे ने डीप लर्निंग के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग इन दोनों टम्र्स को एक-दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन दोनों के कॉन्सेप्ट पूरी तरह अलग हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस दो शब्दों से मिलकर आर्टिफिशियल यानि इंसानों के द्वारा बनाया गया व इंटेलीजेंस यानि सोच पाने की क्षमता है। ये एक सिस्टम नहीं बल्कि इसे सिस्टम में इम्पलीमेंट किया जाता है। इस दौरान डीन एकेडेमिक्स डॉ. संतोष शर्मा, प्रोग्राम कॉर्डिनेटर डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डॉ. रंजीत सिंह तोमर, एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन डॉ. संजय जैन व ऑर्गेनाइजिंग सेकेट्ररी डॉ. दीपक मोटवानी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

Home / Gwalior / हर काम को पॉसिबल बना रही मशीन लर्निंग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो