जानकारी के अनुसार बदरवास परियोजना की 239आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वितरण के लिए पोषण आहार भेजा गया। नियमानुसार यह पोषण आहार हर माह 1 से 5 तारीख तक आंगनबाडिय़ों पर पहुंच जाना चाहिए, परंतु परियोजना अधिकारी ने कथिततौर पर लेन देन न होने के चलते यह पोषण आहार आंगनबाडिय़ों पर नहीं भेजा। इसी का परिणाम है कि आज भी पोषण आहार के २ हजार कट्टे और पैरासीटामोल सहित अन्य दवाएं गोदाम में धूल खा रही हैं। यही कारण है कि क्षेत्र में कुपोषण दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से पैर पसार रहा है और जिम्मेदार पूरी तरह से मौन साधे बैठे हुए हैं।
यह भी अनियमितताएं
गोदाम में सुपोषण अभियान के रजिस्टर धूल खा रहे हैं, जबकि यह आंगनबाडिय़ों पर रिकॉर्ड रखने के लिए भेजे जाने थे।
महिला सशक्तिकरण के लिए हर माह होने वाले आयोजन सिर्फ कागजों में आयोजित किए
जा रहे हैं।
-आंगनबाडिय़ों पर भेजे जाने वाले वाटर फिल्टर भी आंगनबाडिय़ों पर नहीं भेजे गए। यह वाटर फिल्टर डेढ़ साल से गोदाम में धूल खा रहे हैं।
&यह मामला बेहद गंभीर है, मैं खुद इस मामले की जांच बदरवास आकर करूंगा। इसमें जो भी दोषी होगा उसे किसी भी स्थिती में बख्शा नहीं जाएगा।
ओपी पांडे, डीपीओ शिवपुरी
&अभी मुझे चार्ज लिए सिर्फ एक माह हुआ है, मैं मामले को समझ रही हूं , इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
फ्रांसिका कुजूर , परियोजना अधिकारी बदरवास